सीधे छात्रों के खाते में जाएगी वजीफा राशि

शिमला – निजी शिक्षण संस्थान इस बार छात्रों की स्कॉलरशिप हड़प नहीं पाएंगे, क्योंकि शिक्षा विभाग वजीफा राशि को सीधे स्टूडेंट्स के अकाउंट में डालेगा। विभाग ने वर्ष 2017-18 के पात्र छात्रों को स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया शुरू की है। अभी तक जितने भी ऑनलाइन आवेदन वेरिफाई हुए हैं, उनका वजीफा अकाउंट में डाला जा रहा है। विभाग पुराने बजट की बची हुई राशि से ही स्कॉलरिशप दे रहा है। शिक्षा विभाग में 8251 ऐसे छात्र पंजीकृत हैं, जो प्रदेश से बाहर निजी शिक्षण संस्थानो में पढ़ रहे हैं। इन्हें वर्ष 2017-18 की स्कॉलरशिप मिलनी है, जिसके लिए इनके आवेदनों को वेरिफाई कर दिया गया है। अब जैसे ही पात्र एससी/एसटी छात्रों को स्कॉलरशिप मिलेगी, शिक्षा विभाग के ऑनलाइन मॉनीटरिंग सैल को इसकी अपडेट मिल जाएगी। बताया जा रहा है कि छात्रों द्वारा बनाए गए आधार युक्त लेटेस्ट अकाउंट पर वजीफा राशि डाली जाएगी। शिक्षा विभाग ने अधिकारियों के इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में पहले भी निजी शिक्षण संस्थानों ने छात्रों की करोड़ों की छात्रवृत्ति को हड़पा था। उस समय खुलासा हुआ था कि निजी शिक्षण संस्थान छात्रों के अलग से अकाउंट बनाकर खुद अपने खाते में उन पैसों को डालते रहे और सालों से निजी शिक्षण संस्थान छात्रों से फीस हड़पते रहे। इस बार ऐसा न हो, इसके लिए विभाग अब निजी शिक्षण संस्थानों के मॉनीटरिंग सैल से भी जुड़कर छात्रवृत्ति पर नजर रख रहा है। शिक्षा विभाग ने मॉनटरिंग सैल में दो से तीन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। मॉनटरिंग सैल के माध्यम से निजी व सरकारी शिक्षण संस्थानों पर पूरी नजर रखी जाएंगी। छात्रवृति भेजने के बाद शिक्षा अधिकारी छात्रों से भी ऑनलाइन अपडेट ले रहे हैं।

वेरीफिकेशन लाइन बनाई

शिक्षा विभाग ने निर्देश भी दिए हैं कि संस्थान छात्रों से भारी भरकम फीस के नाम पर छात्रों से उनकी वजीफा राशि न वूसले। शिक्षण संस्थानों से ऐसी शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। शक्षा विभाग ने इस बार संस्थान की बेरीफिकेशन लाइन का भी गठन किया है। यह लाइन छात्रवृत्ति की राशि भेजने के एक हफ्ते तक खुली रहेगी।

पोर्टल पर बताना होगा

शिक्षा विभाग को भारत सरकार की वेबसाइट पर वजीफे की राशि कितनी स्वीकृत की है, इसकी जानकारी एनपीएस पोर्टल पर भी देनी होगी। ऐसे में साफ है कि शिक्षा विभाग को इस बार छात्रवूति के आबंटन को लेकर पैनी नजर रखनी होगी, वहीं विभाग को हर छात्र व संस्थान का भी पूरा ब्यौरा रखना होगा।