हिमाचल को टीबी फ्री करने के लिए मास्टर प्लान तैयार

 शिमला  —प्रदेश भर में रविवार को वर्ल्ड टीबी-डे मनाया जाएगा। प्रदेश को वर्ष 2021 तक टीबी फ्री करने के लिए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने जदोजहद शुरू कर दी है, जिसमें एक मास्टर प्लान बनाया गया है। इसमें अभी मुख्यतः दो विषयों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पहला प्रदेश के डाक्टरों को सभी टीबी प्रभावितों की रजिस्ट्रेशन के लिए कहा गया है, जिससे पता लग पाएगा कि हर माह कितने नए टीबी प्रभावित अस्पताल आ रहे हैं और मास्टर प्लान के दूसरे भाग में अपने स्तर पर केमिस्ट टीबी मरीजों को दवाएं नहीं दे पाएंगे, जिसके निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर दिए हैं। इस पर सभी जिलों के केमिस्ट्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब दवा दुकानदारों ने इसे लेकर जारी निर्देशों का पालन करना भी शुरू कर दिया है। जब कोई मरीज केमिस्ट के पास टीबी की दवा लेने आ रहा है, तो उसके पंजीकरण के लिए उसे डाक्टर के पास भेजा जा रहा है। हिमाचल को वर्ष 2021 तक टीबी फ्री करने के लिए तेज़ी से काम किया जाना शुरू कर दिया गया है, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने कुछ संवेदनशील बिंदुआें को लेकर तमाम तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसके तहत कई जागरूक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रविवार को भी प्रदेश के अस्पतालों में आने वाले लोगों को टीबी से फ्री करने के टिप्स दिए जाएंगे। अभी फिलहाल पहले चरण में केमिस्ट्स को भी यह आदेश दे दिए गए हैं कि किसी भी टीबी प्रभावित को अपने स्तर पर दवा न दी जाए। इसके लिए संबंधित डाक्टर से संपर्क किया जाना तय किया जाए। ऐसा करने से कोई टीबी रोगी नहीं छूट पाएगा। पहली बार इस योजना के तहत टीबी रोग और उससे बचाव के तरीक ों के प्रति जनता को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में अभी टीबी की यह स्थिती है कि हर वर्ष नए मामले आ रहे हैं, लेकिन इस पर कंट्रोल करने के लिए राज्य के अस्पतालों में भी मरीजों और उनके तीमारदारों को जागरूक किया जा रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि यदि टीबी हो जाता है उसके बाद मरीज का पंजीकरण तुरंत अस्पताल में करवा दिया जाए।

सरकार को भेजी रिपोर्ट

हिमाचल को टीबी रोग से फ्री करने के लिए मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना पिछले वर्ष ही शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए गंभीरता से काम करने के लिए भी कहा है। इस योजना के तहत मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में टीबी प्रभावितों को जल्द ही पहचाना जाएगा और उनके इलाज के लिए जल्द आगामी कदम उठाया जाएगा। भारत सरकार को भी यह रिपोर्ट भेजी गई है कि क्षय योजना के तहत राज्य क्या-क्या कदम उठाएगा। इस योजना के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान की जाएगी और इससे प्रभावितों को समय पर अस्पताल में लाने का कार्य किया जाएगा।