15 साल बाद रेगुलर पे-स्केल

मुख्यमंत्री ने कैबिनेट प्रदेश के दस हजार पैट, पैरा टीचर्ज को दिया तोहफा

शिमला – हिमाचल के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे पीटीए शिक्षकों को लंबे इंतजार के बाद रेगुलर की तर्ज पर अब पे स्केल मिलेगा। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने लगभग दस हजार पैट, पैरा शिक्षकों को यह तोहफा प्रदान किया है। बता दें कि पैट को अब नियमित वित्तीय लाभ देने के बाद राज्य सरकार के खजाने पर करीब 200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बावजूद इसके लोकसभा चुनावों से पहले हुई कैबिनेट की बैठक में जयराम सरकार ने हजारों पीटीए शिक्षकों को यह राहत प्रदान की है। बता दें कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में 5000 अनुबंध के आधार, 1300 लेफ्ट आउट और 90 पैरा शिक्षकों के अलावा 3500 पैट स्कूलों में शिक्षा की लौ जला रहे हैं। गौर हो कि प्रदेश में पीटीए की नियुक्ति वर्ष, 2006 में हुई थी। उस समय न तो ऐसा कोई प्रावधान रखा था कि उनके लिए अनुबंध या रेगुलर करने की नीति हो। बिना सोचे समझे पूर्व में ऐसी नियुक्तियां की गईं। यही वजह रही कि करीब 15 सालों से पीटीए पर लगे शिक्षक न तो रेगुलर हो पा रहे हैं, वहीं इन शिक्षकों को रेगुलर शिक्षकों के बराबर नियमित पे स्केल भी नहीं दिया गया। गौर हो कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा के दौरान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए उन्हें रेगुलर शिक्षकों के बराबर वेतन देने की घोषणा की थी। प्राथमिक सहायक शिक्षकों के लिए वर्ष 1986 में नीति बनी थी। इस श्रेणी के साढ़े तीन हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें 3400 पीएटी शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। जाहिर है कि पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के लिए भी सरकार तैयार है, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस कारण सरकार ने पीटीए शिक्षकों को नियमित करने की बजाय इनके वित्तीय लाभों पर मुहर लगाने का फैसला लिया है। इससे सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामला भी प्रभावित नहीं होगा और राज्य सरकार अध्यापकों को राहत प्रदान कर देगी। प्रदेश के स्कूलों में पीटीए के तहत 440 पीजीटी, 23 असिस्टेंट प्रोफेसर, 145 डीपीई, 139 टीजीटी और 592 सी एंड वी अध्यापक हैं, जो अभी लेफ्टआउट हैं। दूसरी तरफ जो अनुबंध पर आए हैं, वे पीजीटी 1521, असिस्टेंट प्रोफेसर 1521, डीपीई 190, टीजीटी 919 और सी एंड वी अध्यापक 2283 हैं। इसी तरह से पीएटी यानी प्राथमिक सहायक अध्यापकों पर गौर करें तो 3417 अध्यापक हैं, जो सभी जेबीटी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। बहरहाल बुधवार को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में उक्त श्रेणी के अध्यापकों को सबसे बड़ी सौगात मिली है।