25 से 65 फीसदी तक पहुंचा मतदान

वर्ष 2014 में पोलिंग बूथ तक पहुंचे थे 64 प्रतिशत से ज्यादा वोटर

पालमपुर – देश में लोकसभा के गठन के लिए वर्ष 2014 में सबसे खर्चीला चुनाव देखने को मिला और प्रदेश के 64 फीसदी से अधिक वोटर मतदान केंद्रों तक पहुंचे। उस दौरान प्रदेश की मतदाता सूचियों में दर्ज कुल 4810069 में से 3100199 वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था और भाजपा ने चारों सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा की झोली में करीब 51 फीसदी मत पड़े थे, जबकि कांग्रेस के खाते में लगभग 41 प्रतिशत वोट आए। प्रदेश में 1951 में संपन्न पहले चुनाव में केवल 25.33 फीसदी वोटरों ने मतदान किया था, जबकि 1957 में दूसरे चुनाव में यह आंकड़ा 36.53 और 1962 में 35.55 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। पहले तीन चुनावों में जहां प्रदेश के लगभग एक तिहाई मतदाता ही मतदान केंद्रों तक पहुंचे, वहीं 1967 में हुए चौथे चुनाव में प्रदेश के आधे से अधिक वोटरों ने मतदान में रुचि दिखाई और 51 प्रतिशत से अधिक लोगों ने वोट डाले।  अस्सी के दशक में लोकसभा चुनावों में वोट डालने का रुझान बढ़ता दिखाई दिया और आठवें चुनाव में पहली बार प्रदेश के 61 फीसदी से अधिक वोटरों ने मतदान में भागीदारी निभाई। वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान का आंकड़ा 60 प्रतिशत के पार पहुंचा और 61.5 प्रतिषत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह टें्रड वर्ष 1989 में भी जारी रहा और 63.94 प्रतिशत मतदान का नया रिकार्ड प्रदेश में दर्ज किया गया। उसके बाद प्रदेश में लोकसभा के लिए छह बार डाले गए वोटों में केवल 1998 को छोड़ मतदान प्रतिशत 56 से 60 फीसदी के बीच रहा। 12वें लोकसभा चुनाव के दौरान 1998 में पहली बार करीब 66 प्रतिशत लोगों ने मतदान में भाग लिया।