अभी मुख्यमंत्री के पास रहेगा ऊर्जा मंत्रालय

सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना, लोकसभा चुनावों के बाद मंत्रिमंडल विस्तार

शिमला —मंत्रिमंडल से अनिल शर्मा की विदाई के बाद ऊर्जा विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री के पास बहुद्देश्यीय ऊर्जा परियोजनाएं एवं ऊर्जा विभाग का अतिरिक्त कार्यभार रहेगा। लोकसभा चुनावों के बाद जयराम सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार तय है। इस फेहरिस्त में दो नए चेहरों का राजतिलक होगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल में फेरबदल भी संभावित है। जाहिर है कि खाद्य मंत्री किशन कपूर के चुनावी रण में उतरने से भाजपा उनकी जीत को सुनिश्चित मान रही है। किशन कपूर के लोकसभा पहुंचने पर कांगड़ा के किसी एक विधायक की लॉटरी लगना तय है। इसकी दौड़ में पहले दिन से शामिल नुरपूर के विधायक राकेश पठानिया प्रबल दावेदार हैं। वरिष्ठता तथा युवा होने के साथ राकेश पठानिया का दृष्टिकोण सरकार के संचालन में सार्थक साबित हो सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के चलते ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला की दावेदारी भी प्रबल है। पिछली दो भाजपा सरकारों में धूमल के मंत्री रहे रमेश धवाला के पास ईमानदार छवि और वरिष्ठता का तमगा है। बहरहाल इस जिला से मंत्रिमंडल में दावेदारी किशन कपूर की जीत-हार पर निर्भर रहेगी। इसके विपरीत मंडी जिला से मंत्रिमंडल से बाहर हुए अनिल शर्मा की जगह एक विधायक का भाग्य उदय होना तय है। इस फेहरिस्त में सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल का नाम जबरदस्त चर्चा में है। इसके अलावा कर्नल इंद्र तथा हीरालाल के नाम भी उनके समर्थक उछाल रहे हैं। पुख्ता सूचना के अनुसार लोकसभा चुनावों के बाद जयराम सरकार के मंत्रिमंडल में नया स्वरूप देखने को मिल सकता है। इसके तहत चंबा तथा सिरमौर जिला में उथल-पुथल संभावित है। कांगड़ा में भी एकाध मंत्री को ड्रॉप करने की चर्चा है। मंडी तथा कांगड़ा से मंत्रिमंडल को नए चेहरे मिल सकते हैं।

बोर्ड-निगमों में होगी तैनाती

चुनावों के बाद बोर्ड-कारपोरेशन में भी कुछ नेताओं को तोहफे मिलना प्रस्तावित है। एचपीटीडीसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम सहित कई बोर्ड-निगमों में ताजपोशी होना बाकी है।

सीएम ने बनाया रिपोर्ट कार्ड

माना जा रहा है कि चुनावों से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने मंत्रियों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है। इसके अलावा लोकसभा के चुनावी नतीजों को मंत्रियों की परफार्मेंस का आइना माना जाएगा। इस कड़ी में लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों को दी गई बढ़त का अंतर और डेढ़ साल के कामकाज की समीक्षा के आधार पर मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होगा।