दरअसल, यह उलझन हर उस विद्यार्थी की है, जो विषयों के विकल्पों के बीच अपना भविष्य तलाश रहा है। एक समय था, जब सीमित ही विकल्प होते थे जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं सिविल सर्विसेस। अच्छे विद्यार्थी इन्हीं की ओर रुख करते थे, लेकिन आज उसके समक्ष इतने विकल्प हैं कि वह भ्रमित हो जाता है और अगर उसने सही तरीके से विषय का चुनाव नहीं किया तो उसका भविष्य ही दांव पर लग जाता है। 12वीं के बाद कोई खास कोर्स चुनना एक विद्यार्थी की रुचि और विकल्पों पर निर्भर करता है। अगर आप कलाकार या रचनाशील हैं तो विज्ञापन, फैशन, डिजाइन जैसे कोर्सेज चुन सकते हैं। अगर आपका दिमाग विश्लेषक हैं तो आपके लिए इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र बेहतर होंगे। यहां बहुत सारे विशेषज्ञ कोर्सेज भी हैं जिन्हें करने के बाद करियर में ऊंची उड़ान भर सकते हैं। ऐसे में छात्र जब भी किसी खास कोर्स या प्रोग्राम में दाखिला कराने जाए, तो एक बात स्पष्ट रखें कि उस प्रोग्राम को चुनने के पीछे करने का उनका मकसद क्या है। फिर भी अगर भ्रम बना रहे तो अपना प्रोफाइलिंग टेस्ट कराएं। इससे आपको अपनी शक्ति का पता लग सकेगा और आप उसके मुताबिक कोर्स सिलेक्ट कर सकेंगे। कोर्स का सिलेक्शन करते समय इन खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।