कांग्रेस में जनारथा, बावा की वापसी जल्द

शिमला —कांग्रेस में वीरभद्र सिंह के दो समर्थकों की जल्द वापसी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार इन दोनों की घर वापसी को लेकर मामला फिर से चर्चा में है, जिस पर मंथन चल रहा है। बताया जाता है कि आनंद शर्मा के पास जहां यह मामला उठा है, वहीं वीरभद्र सिंह व कुलदीप सिंह राठौर की हाल ही में हुई बातचीत में भी इस मामले पर चर्चा हो चुकी है। वीरभद्र सिंह का संगठन पर दबाव है कि उनके दोनों समर्थकों को वापस लिया जाए। हरीश जनारथा और हरदीप सिंह बावा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ा था। हरदीप बावा जहां नालागढ़ से चुनाव लड़कर हार गए, वहीं हरीश जनारथा ने शिमला से चुनाव लड़ा। दोनों ने अच्छे खासे वोट हासिल किए और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को भी नाकों चने चवाए। शिमला में हरीश जनारथा जहां दूसरे स्थान पर रहे, वहीं उन्होंने कांगे्रस प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। हाल ही में कांग्रेस में पंडित सुखराम की वापसी हुई है जिसके बाद वीरभद्र सिंह भी चाहते हैं कि उनके समर्थक जो बाहर हैं, उन्हें वापस लिया जाए। शुरूआत से उनका संगठन पर यही दबाव है, परंतु पार्टी में पहले सुखविंदर सुक्खू के चलते वीरभद्र समर्थकों की एंट्री नहीं हो सकी। ऐसे में अब राठौर और वीरभद्र सिंह में फिर से बातचीत हुई है। सूत्रों का कहना है कि अगले एक सप्ताह में इन दोनों पर फैसला हो सकता है, जिन पर दिल्ली में चर्चा हो रही है। कुलदीप राठौर भी यह चाहते हैं कि संगठन का व्यक्ति कोई बाहर न रहे और चुनाव के दौरान सभी की एंट्री हो, जिससे पार्टी को लाभ मिले। इसके चलते अब दोबारा से इनकी बातचीत चल रही है और जल्दी ही फैसला भी हो जाएगा। हरीश जनारथा व हरदीप बावा पूर्व की कांग्रेस सरकार में दो बोर्डों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष रह चुके हैं, जिनकी अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छी पैठ है। इनकी संगठन में भी पैठ थी, परंतु किन्हीं कारणों से इनकी एंट्री पर अभी तक बवाल मचा हुआ है।

दोनों बागी शिमला संसदीय क्षेत्र से

दोनों बागी शिमला संसदीय क्षेत्र से ही ताल्लुक रखते हैं और शिमला संसदीय क्षेत्र अभी भाजपा के पास है। लगातार दो दफा यहां से कांग्रेस हार का सामना कर चुकी है। इस हार को जीत में बदलने के लिए इस संसदीय क्षेत्र में कांगे्रस दोनों नेताओं को साथ लेकर आगे बढ़ती है, तो वीरभद्र सिंह का भी पूरा समर्थन उन्हें हासिल होगा।