…जब सुषमा स्वराज ने लगाई हार की हैट्रिक

इतिहास के झरोखे से

18 लाख 50 हजार मतदाता

करनाल लोकसभा क्षेत्र के नौ विधानसभा क्षेत्र में 18 लाख 50 हजार 816 मतदाता हैं। इनमें आठ लाख 60  हजार 935 महिला मतदाता शामिल है।

करनाल -महाभारत के पात्र कर्ण की नगरी करनाल लोकसभा सीट दिग्गजों की हार के लिए भी जानी जाती है। यही वह सीट है जहां पर पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल को हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद से ही उनकी राजनीति की पीएचडी खत्म हो गई थी। बीजेपी की दिग्गज नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करनाल से एक अदद जीत के लिए तरस गई थीं। 1999 में करनाल से उतरे भजनलाल को अपने जीवन में पहली बार यहीं पर हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं, बीजेपी की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज तीन बार 1980, 1984 और 1989 में यहां से हारीं। यही नहीं, चार दफा करनाल से जीत दर्ज करने वाले पंडित चिरंजी लाल अंतिम चुनाव यहां से 1996 में हार गए। करनाल सीट को ब्राह्मण सीट के तौर पर पहचाना जाता है, लेकिन पिछले चुनाव में यह मिथ टूटा। यहां से बीजेपी प्रत्याशी अश्विनी कुमार चोपड़ा को जीत मिली थी। साल 2014 में मोदी लहर में करनाल से बीजेपी के अश्विनी चोपड़ा ने यहां से दो बार लगातार कांग्रेस से सांसद रहे डा. अरविंद शर्मा को 360147 वोटों से हराया था। बीजेपी से अश्विनी को कुल 594817 वोट मिले, जबकि अरविंद शर्मा को 234670 वोट पड़े थे। उधर, अभी तक यहां से केवल बीजेपी ने ही अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। पानीपत के संजय भाटिया को पार्टी ने मैदान में उतारा है। बीएसपी-एलएसपी गठबंधन की ओर से पंकज चौधरी के नाम की घोषणा की गई है। गठबंधन में यह सीट एलएसपी के हिस्से में आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विधानसभा क्षेत्र करनाल ही है। यहां पर विपक्षी पार्टियां भी मजबूत प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रही हैं, इसलिए मुकाबला रोचक होगा।