जोकर से सीख

एक बार एक जोकर सर्कस में लोगों को एक चुटकुला सुना रहा था। चुटकुला सुनकर लोग खूब जोर-जोर से हंसने लगे । कुछ देर बाद जोकर ने वही चुटकुला दौबारा सुनाया। अबकी बार कम लोग हंसे।

थोड़ा और समय बीतेने के बाद तीसरी बार भी जोकर ने वही चुटकुला सुनाना शुरू किया। पर इससे पहले कि वह अपनी बात खत्म करता बीच में ही एक दर्शक बोला, अरे! कितनी बार एक ही चुटकुला सुनाओग। कुछ और सुनाओ अब इस पर हंसी नहीं आती। जोकर थोड़ा गंभीर होते हुए बोला ,धन्यवाद भाई साहब, यही तो मैं भी कहना चाहता हूं। जब खुशी के एक कारण की वजह से आप लोग बार-बार खुश नहीं हो सकते तो दुःख के एक कारण से बार-बार दुखी क्यों होते हो, भाइयों हमारे जीवन में अधिक दुःख और कम खुशी का यही कारण है। हम खुशी को आसानी से छोड़ देते हैं पर दुःख को पकड़ कर बैठे रहते हैं। मित्रों इस बात का आशय यह है कि जीवन में सुख-दुःख का आना-जाना लगा रहता है । पर जिस तरह एक ही खुशी को हम बार-बार नहीं महसूस करना चाहते उसी तरह हमें एक ही दुरूख से बार-बार  दुखी नहीं महसूस करना चाहिए । जीवन में सफलता तभी मिलती है जब हम दुःखों को भूलकर आगे बढ़ने का परयत्न करते हैं।