नदियों में प्रदूषण फैलाने पर शिकंजा

गुरुग्राम -उद्योगों से निकलने वाले वेस्ट से प्रदूषित हो रही यमुना और घग्गर पर हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने सख्त नाराजगी जताई है। बोर्ड के चेयरमैन अशोक खेत्रपाल ने जिलास्तर पर गठित टास्क फोर्स कमेटी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कमेटी को गंभीरता से काम करना होगा। उन्होंने नियमों की अनदेखी पर 54 इंडस्ट्रीज को बंद करने की चेतावनी दी है। पिछले दिनों एचएसपीसीबी के चेयरमैन अशोक खेत्रपाल ने इन दोनों नदियों को प्रदूषणमुक्त करने को लेकर बैठक ली। इस दौरान अधिकारियों की तरफ से रिपोर्ट नहीं देने पर कहा कि इस मामले में गंभीरता से काम करने की जरूरत है। दोनों नदियों को प्रदूषणमुक्त करने को लेकर ऐक्शन प्लान तैयार करें। चेयरमैन ने कहा कि इन दोनों नदियों में किन प्वाइंट्स से सीवर या इंडस्ट्रियल पानी जा रहा है, इसकी रिपोर्ट तैयार करें। सिंचाई विभाग से कहा गया कि इन नदियों में जहां ड्रेन जाकर मिल रहा है, वहां देखा जाए कि कितना पानी हरियाणा की तरफ से जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएमडीए, अर्बन लोकल बॉडी और सिंचाई विभाग ने ड्रेन की सफाई करने का ऐक्शन प्लान नहीं सौंपा है। उन्हें निर्देश जारी किए कि वे हर महीने की 10 तारीख को इसकी रिपोर्ट सौंपें। गुरुग्राम के सेक्टर-18, 37 और आईडीसी, फरीदाबाद के सेक्टर-24, 25 और 27 में भी सीईटीपी तैयार करना है, लेकिन प्लानिंग फाइनल नहीं है। अकेले गुड़गांव से 550 एमएलडी सीवेज नदियों में छोड़ा जा रहा है। 344 इंडस्ट्रीज में से 290 ने एसटीपी और सीईटीपी पर ऑनलाइन मोनिटरिंग सिस्टम लगा है। अन्य को कई बार नोटिस दिए हैं, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया है। इन 54 इंडस्ट्रीज को अंतिम मौका दिया जाए और नहीं मानने पर इनको बंद कर दिया जाए। इनमें से अधिकांश इंडस्ट्रीज गुरुग्राम और फरीदाबाद की हैं। चेयरमैन ने कहा कि इन दोनों नदियों के आस-पास लगते गांवों में स्वास्थ्य कैंप लगाने थे, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। जिलास्तर पर गठित टास्क फोर्स ने सितंबर, 2018 के बाद इन नदियों को प्रदूषणमुक्त करने को लेकर कोई प्लान नहीं सौंपा है।