पेड़ कटान पर रोक से टेबल पर अटकी प्रोजेक्ट्स की फाइलें

शिमला – सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदेश में पेड़ कटान पर लगाई गई रोक के बाद प्रदेश में विकास कार्यों पर ब्रेक लग गई है। ऐसे में प्रोजेक्ट से लेकर इनकी फाइलें भी एक ही टेबल पर अटकी हैं। एफसीए की फाइलें भी आगे बढ़ाने पर रोक है। राज्य में हर प्रोजेक्ट बनाने के लिए वन भूमि का अधिग्रहण किया जाता है। वन भूमि के गैर वनीय इस्तेमाल की मंजूरी केंद्र से ली जाती है। इस प्रोजेक्ट की पूरी फाइल तैयार कर विभाग राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को भेजता है। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़़ कटान पर रोक के साथ के आदेशों में एफसीए के प्रोजेक्ट्स बनाने पर रोक लगा रखी है। इस मामले पर 15 अप्रैल को दिल्ली में सुनवाई होनी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दायर करना है। इसमें कैसे विकास के साथ पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सकेगा, इस पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी है। इसमें कुछ राहत मिली तो ही हिमाचल में डिवेलपमेंटल प्रोजेक्ट्स की फाइलें आगे बढ़ेंगी। पहली अप्रैल को इस मामले में हुई सुनवाई में सरकार ने शपथपत्र विद्ड्रा किया था। हालांकि प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाया था कि प्रदेश में पेड़ कटान पर पहले से ही रोक लगा दी है, जबकि विकास कार्यों के लिए सरकार ने कोर्ट से राहत की अपील भी की। ऐसे में अब राज्य सरकार 15 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के दिन सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दायर करेगी। वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एफसीए और एफआर के कई केस भी लंबित हो गए हैं।