बच्चों को सही यौन शिक्षा कैसे दें

बच्चों को सेक्स के बारे में जानकारी देना किसी भी माता-पिता के लिए कठिन चुनौती होता है। ये ऐसा विषय है जिसके बारे में सही समय पर सही जानकारी दिया जाना बेहद जरूरी है। कुछ माता-पिता बच्चों को इस बारे में जागरूक करना बिलकुल गलत समझते हैं। वे जाने अनजाने अपने बच्चों को गलत रास्ते पर धकेल रहे हैं। बच्चों के मन में सवाल आना जायज है। बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं उनके सवाल भी जटिल होते जाते हैं। उत्सुकता में वो इन सवालों के जवाब अपने से बड़े बच्चों से या इंटरनेट से जानने की कोशिश करेंगे। गलत या अधूरी जानकारी बच्चों को उलटा नुकसान पहुंचा सकती है।

सही वक्त पर सही चर्चा

सेक्स एजुकेशन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में स्कूलों की बड़ी भागीदारी की बात बार-बार कही गई है। वजह है कि घरों में सही सेक्स एजुकेशन के प्रति जागरूकता न होना। जानकार कहते हैं कि हर उम्र के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन के मायने अलग होते हैं। छोटी उम्र के बच्चों को बड़ी उम्र वाली सेक्स एजुकेशन नहीं दी जा सकती। समय से पहले सब बातें बताए जाने की जरूरत नहीं है।

5 से 8 साल

इस उम्र में उनके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जागरूक कराया जाना चाहिए।

9 से 12 साल

इस उम्र में बच्चे दोनों लिंगों के बीच फर्क को महसूस करने लगते हैं।

सेक्स शिक्षा मानव जीवन चक्र के जरिए देनी चाहिए

खुद का बदन छूने पर होने वाली संवेदनाओं के बारे में भी जागरूक करना चाहिए

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दें अटपटे सवालों के जवाब

आने वाले सालों में हार्मोंस बदलने और आने वाले बदलाव के बारे में बताएं

13 से लेकर 15 साल

ये वह दौर है जब लड़कियों के प्रति सहज आकर्षण शुरू हो जाता है।

इस उम्र में सबसे पहले ये बताया जाना जरूरी है कि आकर्षण सहज स्वाभाविक है।

हस्तमैथुन को लेकर गलत धारणा पनपने से रोकें

शरीर में हार्मोंस की वजह से आ रहे बदलाव के बारे में चर्चा करें

15 से 18 साल

यौन व्यवहार के प्रति सावधानियां इस उम्र में बताई जानी चाहिए।

असुरक्षित सेक्स और उसके साइड इफेक्टस के बारे में बताएं।

अपने विचारों या भावनाओं को एक्सप्रेस करने में हमेशा दूसरे के सम्मान की बात समझाएं।

अगर आपको इस बारे में असुविधा महसूस होती है तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लें।