बिजली चोरी में अफसरों पर गिरी गाज

देहरादून – गदरपुर यशोदा इंडस्ट्री में बिजली चोरी की गाज सहायक अभियंता (एई) पर भी गिरेगी। यूपीसीएल एमडी बीसीके मिश्रा ने उनके निलंबन के निर्देश दे दिए हैं। गदरपुर में लंबे समय से बिजली चोरी हो रही थी। इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर भी की गई थी, पर सुनवाई न होने पर यूपीसीएल मुख्यालय विजिलेंस से शिकायत की गई। इस पर विजिलेंस ने छापेमारी की। बताया जा रहा है कि फ्लोर मिल के लिए 500 केवी के लोड का आवेदन किया गया था। इसके लिए 500 मीटर लंबी 11 केवी की लाइन बननी थी। इस बीच उसी उपभोक्ता ने एक ट्यूबवेल के कनेक्शन का आवेदन किया। इसके लिए 150 मीटर की लाइन का इस्टीमेट तैयार हुआ। बाद में इसी ट्यूबवेल के कनेक्शन से फ्लोर मिल को बिना मीटर जोड़ दिया गया। विजिलेंस ने भी अपनी रिपोर्ट में 98 किलोवॉट की बिजली चोरी का जिक्र किया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो मौके पर करीब 500 किलोवॉट की चोरी हो रही थी। इस मामले में स्थानीय स्तर पर एसई रुद्रपुर ने जेई महेंद्र कुमार को सोमवार को निलंबित कर दिया। सेल्फ हैल्प गु्रप के आरोपी कर्मचारियों को भी हटा दिया गया। साथ ही एमडी ने एसडीओ गिरीश चंद्र आर्य को निलंबित करने के भी निर्देश दे दिए। विभाग का कहना है कि इस तरह के कारनामा करने वालों को प्रशासन नहीं बख्शेगा तथा बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग ऐसा करने वालों पर नजर गढ़ाए हुए है।

जानबूझकर बड़ी चूक

500 केवी लोड का आवेदन मंजूर होने के तीन महीने बाद तक पैसा जमा नहीं कराया गया। इस बीच एक ट्यूबवेल का कनेक्शन मंजूर हो गया। इसी ट्यूबवेल से खेल चलता रहा, पर किसी ने मौके पर जाने की जहमत नहीं उठाई। इससे साफ है कि डिवीजन स्तर के अफसरों की चूक यूपीसीएल और इस राज्य पर कैसे भारी पड़ रही है।