माही आखिरी गेंद पर चूके, विराट एक रन से जीते

बंगलूर -महेंद्र सिंह धोनी की अपने सदाबहार अंदाज में खेली गई नाबाद 84 रन की पारी के बावजूद रॉयल चैलेंजर्स बंगलूर रविवार रात को खेले गए आईपीएल मैच में चेन्नई सुपर किंग्स पर एक रन से करीबी जीत दर्ज करने में सफल रहा। धोनी ने अपनी 48 गेंदों की पारी में पांच चौके और सात छक्के लगाए। साल 2014 के बाद बंगलूर ने पहली बार चेन्नई को मात दी है। उन्होंने ऐसे समय क्रीज पर कदम रखा, जबकि चेन्नई छठे ओवर में चार विकेट पर 28 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। धोनी ने इसके बाद अपने दम पर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया। चेन्नई को आखिरी ओवर में 26 रन की जरूरत थी। धोनी ने उमेश यादव की पहली पांच गेंदों पर पहले चौका, फिर दो छक्के, दो रन और फिर एक छक्का लगाया, लेकिन उनके आखिरी गेंद पर चूकने से बंगलूर की आईपीएल में उम्मीदें बनी रही। चेन्नई ने आठ विकेट पर 160 रन बनाए। इससे पहले बंगलूर ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर पार्थिव पटेल (37 गेंदों पर 53 रन, दो चौके, चार छक्के) के अर्द्धशतक और मोईन अली (16 गेंदों पर 26 रन) के आखिरी क्षणों की तेजतर्रार पारी से सात विकेट पर 161 रन बनाए थे। चेन्नई की यह दस मैचों में तीसरी हार, जबकि बंगलूर की इतने ही मैचों में तीसरी जीत है। चेन्नई अब भी शीर्ष पर और बंगलूर सबसे निचले पायदान पर है।

…तो इसलिए नहीं लिए सिंगल

बंगलूर। एक रन से हार के बाद जब धोनी से पूछा गया कि दूसरे छोर पर ब्रावो जैसा खिलाड़ी था फिर भी उन्होंने सिंगल क्यों नहीं लिए, इस पर धोनी ने कहा कि पिच ऐसी थी कि नए बल्लेबाज को आते बराबर बड़े शॉट खेलना मुश्किल था। ब्रावो ने उस वक्त तीन गेंद ही खेली थी। मैं बहुत देर से क्रीज पर था इसलिए मैं जोखिम उठा सकता था, क्योंकि रन भी बहुत ज्यादा चाहिए थे। उन्होंने कहा कि मैच के बाद यह गणित लगाना कि एक रन उधर बनता और एक रन इधर बनता, तो हम जीत जाते आसान होता है, लेकिन कुछ और डॉट बॉल हो जाती, तो हमें ज्यादा बाउंड्रीज लगाना पड़ती।