उन्होंने कहा कि इस अवधि में श्री मोदी करीब 55 देशों की यात्रा में अपने चहेते पूंजीपतियों को अपने साथ लेकर गए और उन्हें वे ठेके दिलाए जिनको सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को मिलना चाहिए था। इससे देश के खजाने को जबरदस्त नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि श्री मोदी ने जितनी भी विदेश यात्राएं की हैं उनमें किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के अधिकारी को साथ लेकर नहीं गये जबकि उद्योगपति अडानी और अम्बानी उनकी यात्राओं में अक्सर उनके साथ गये प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि श्री मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी डीआरडीओ, एनटीपीसी, बीएसएनएल, एचएएल, बीएचईएल जैसी तमाम कंपनियों को नजरअंदाज किया है। इन कंपनियों को जो काम मिलना चाहिए था वह अडानी और अम्बानी की अनुभवहीन कंपनियों को दिया गया। सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों का हक मारा गया और निजी क्षेत्र की कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया।