सर्पीली सड़कों पर नहीं थम रहा मौत का सफर

डलहौजी—चंबा जिला की सर्पीली सड़कों पर खूनी हादसों का हलकान लगातार जारी है। जिला की सडकों पर ड्राइविंग करते वक्त सावधानी हटी दुर्घटना घटी वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। जिला में सालाना तौर पर सडक हादसों में अकारण मौत के मुंह में समाने वालों का आंकडा बढता जा रहा है। मगर सडक हादसों की सही वजह तलाशने को लेकर अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। हर हादसे के बाद जांच की बात कही जाती है, लेकिन निष्कर्ष क्या निकला यह आज दिन तक पहेली ही साबित हुआ है। प्रशासन हादसे में मारे जाने वाले लोगों के आश्रितों को फौरी राहत प्रदान कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर रहा है। जिस कारण जिला की सडकों पर खूनी हादसों का सफर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चंबा जिला में अब तक अनगिनत ऐसे बडे सडक हादसे हो चुके हैं। इन हादसों मंे अपनों को खोने वालों का दर्द अभी भी कम नहीं हो पाया है। चंबा जिला में अब तक का सबसे बडा हादसा गागला मार्ग पर पेश आया था। अगस्त 2012 में गागला मार्ग में एक निजी बस के गहरी खाई में जा गिरने से 53 लोगों की मौत हो गई। सलूणी उपमंडल के किहार मार्ग पर चकोली पुल के पास एक केंटर के स्यूल नदी में जा गिरने से 45 लोग मारे गए थे। खैरी में शिवरात्रि के दिन एक केंटर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। भरमौर के लाहल में परिवहन निगम की बस के बुढिढल नाला में जा गिरने से 45 लोग मारे गए थे। होली मार्ग पर गरोला के पास निजी बस के रावी नदी में गिरने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। चंबा- तीसा मार्ग पर कल्हेल के पास एक निजी बस के खाई में गिरने से 32 लोग मारे गए थे। तीसा के चरडा संपर्क मार्ग पर निजी बस के गिरने से 19 लोग अकारण ही मौत का ग्रास बन गए थे। हिमगिरि मार्ग पर निजी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 19 लोगों की मौत हुई थी। सलूणी के अथेड संपर्क मार्ग पर पिकअप दुर्घटना में दस युवकों की मौत हो गई थी। भरमौर के तुदंाह मार्ग पर क्त्रिकेट मुकाबला खेलकर वापिस लौट रहे युवाओं से भरी पिकअप के गहरी खाई में सामने से 11 युवकों की मौत हो गई थी। चंबा- खज्जियार मार्ग पर पर्यटन वाहन के गिरने से दिल्ली के 11 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा ऐसे सैंकडों सडक हादसे जिला की विभिन्न सडकों पर हो चुके हैं, जिनमें अकारण ही कई जिंदगियां मौत के मुंह में समा चुकी हैं।