शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने सुरेश भारद्वाज को प्रदेश सरकार में शिक्षा विभाग का महत्त्वपूर्ण ओहदा मिला है। प्रदेश सरकार करीब सवा साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इस दौरान हलके में किन-किन कार्र्याें को रफ्तार मिली और किन मुद्दों ने विधायक परीक्षा ली… दखल के जरिए बता दे रहे हैं आरपी नेगी
सुरेश भारद्वाज; विधायक, शिमला (शहरी)
मतदाता -49210
कुल बूथ -91
शिमला को स्मार्ट बनाएंगे भारद्वाज
विधायक सुरेश भारद्वाज के पास हालांकि पूरे प्रदेश के शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है, लेकिन वह अपने क्षेत्र को स्मार्ट होते देखना चाहते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा केंद्र की मोदी सरकार ने दिया। पूर्व की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल में तो शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा नहीं दिला पाई। उस साल कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने इस क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं किया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी के साथ-साथ प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल को अग्रणी राज्य बनाने के लिए जयराम सरकार काम कर रही है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उनके पास शिक्षा के साथ-साथ संसदीय कार्यमंत्री और कानून का भी जिम्मा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हिमाचल के सभी स्कूलों में लैंग्वेज लैब शुरू की जाएगी। इसके साथ-साथ कालेज स्तर पर कामर्स लैब शुरू करने का भी विजन संजोए रखा है।
पेयजल संकट ने ली एमएलए की परीक्षा
विकास थमा हवाई सफर में मशगूल रही सरकार
प्रदेश सरकार के एक साल के सफर को विपक्ष ने निराशाजनक बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा राज में प्रदेश में क्राइम का ग्राफ बढ़ा और विकास के नाम पर नया पत्थर तक नहीं लगाया गया। राठौर ने कहा कि एक साल में प्रदेश सरकार सिर्फ हवाई सफर करती रही। प्रदेश में जो भी विकास हुए हैं, वह कांग्रेस की ही देन है। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार ने देश की जनता के साथ जुमले-वादे किए थे, उसी तर्ज पर प्रदेश की जयराम सरकार ने भी प्रदेश में नया काम नहीं किया। प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है, रोजगार के नाम पर युवाओं को धोखा दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जनमंच के नाम पर नई राजनीतिक परंपरा शुरू की। इन जनमंच कार्यक्रमों में मात्र पार्टी का ही प्रचार-प्रसार हो रहा है।
राजनीतिक द्वेष से नहीं किया काम
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष के पास बोलने के लिए कोई भी मुद्दा नहीं है। कांग्रेस के पास न तो नेता है और न ही नेतृत्व। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष को हमने आईना दिखाया है। हमने कभी भी राजनीतिक द्वेश से काम नहीं किया। वर्तमान में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाने में भी पूरी तरह से नाकाम साबित हो चुकी है। जब हम विपक्ष में थे तो कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना से काम किया, जिससे हमारी सरकार ने पूरी परंपरा ही बदल डाली। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष जो मर्जी आरोप लगाए, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार प्रदेश का विकास कर रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।
रूसा पर सबसे बड़ी सफलता
शिमला शहर के विधायक शिक्षा मंत्री की भूमिका निभाते हुए प्रदेश में रूसा सिस्टम में बदलाव करने में सफल हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोग से हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में रूसा सिस्टम को बदल दिया। अब पूरे भारत में हिमाचल ऐसा राज्य है, जहां पर यूजी की परीक्षाएं वार्षिक आधार पर हो रही हैं।
और यह भी…
राज्य का सबसे बड़ा विभाग शिक्षा होने के नाते विधायक सुरेश भारद्वाज इस क्षेत्र में कुछ नया करते रहते हैं। प्रदेश सरकार ने हाल ही में उच्च शिक्षा परिषद का गठन किया। यह परिषद प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा पर निगरानी रखने के लिए है। इसके साथ ही यह परिषद रूसा प्रोजेक्ट को भी देखेगी। उच्च शिक्षा परिषद के गठन होने से शिक्षा नियामक आयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शिक्षा मंत्री कहने लगे कि शिक्षा नियामक आयोग प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों पर नकेल कसने के लिए है, जबकि उच्च शिक्षा परिषद सरकारी क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन की निगरानी करेगी।
सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी
प्रदेश की जयराम सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में कई नई योजनाएं शुरू की हैं। सुरेश भारद्वाज शिमला शहर से विधायक होने के साथ-साथ शिक्षा मंत्री की भूमिका को प्राथमिकता के तौर पर निभा रहे हैं। हालांकि अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गिरते पंजीकरण को देखते हुए राज्य के 3301 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की है। यह प्रदेश सरकार की नई योजना हैं। प्री-प्राइमरी स्कूलों में वर्तमान में 40 हजार बच्चे एबीसी सीख रहे हैं। इसके साथ-साथ मेधा प्रोत्साहन योजना, जिसके तहत मेरिटोरयस गरीब बच्चों को आईएएस, एचएएस, एमबीबीएस सहित अन्य परीक्षाओं के लिए कोचिंग दी जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार प्रति बच्चा एक लाख रुपए भी दे रही है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि अब तक 375 छात्रों का चयन कर दिया है। इसमें निजी कोचिंग सेंटर को प्रदेश सरकार ने इंपेनल कर दिया। सरकार ने अटल आदर्श विद्यालय योजना भी शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के 10 जिलों में अटल आदर्श विद्यालय खोलने का निर्णय हुआ हे। जिला किन्नौर और लाहुल-स्पीति में नवोदय विद्यालय हैं, इस कारण इन जिलों में अटल आदर्श विद्यालय नहीं बनेंगे।
प्रदेश के दिल में रहते हैं जयराम
साल में एक बार हुआ जनमंच
शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री हमेशा से ही रहते हैं। शिमला प्रदेश की राजधानी होने के नाते यहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शहर के हर कार्यक्रम में मौजूद रहते हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश का दिल यानी राजधानी में ही रहते हैं। जब कभी भी पार्टी का कार्यक्रम हो या फिर सरकारी, हर समय मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर में उल्लास के साथ कार्यक्रमों के आयोजन होते रहते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक साल में उनके विधानसभा क्षेत्र में एक जनमंच कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने सरकार को स्वयं कहा था कि शिमला शहर में एक जनमंच आवश्यक है। जो हाल ही में आयोजित किया गया और शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने सैकड़ों समस्याएं ऑन दि स्पॉट निपटा दीं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिमला में एक जनमंच के दौरान पांच सौ से अधिक मामलों का निपटारा किया गया।
पूर्व सरकार के प्रोजेक्ट नहीं रोके
21 में से 16 नए कालेज किए शुरू
प्रदेश की जयराम सरकार ने पूर्व की वीरभद्र सरकार के कोई भी प्रोजेक्ट नहीं रोका। हालांकि हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुराने प्रोजेक्ट लटक जाते थे और नई सरकार अपने आधार पर नई परियोजनाएं शुरू करती रही। मगर राज्य की जयराम सरकार ने ऐसा नहीं किया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कहते हैं कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार ने सत्ता संभालते ही राजनीतिक भेदभाव को त्याग दिया। जो पिछले सरकार में एक परंपरा बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने बिना किसी बजट, जमीन और आधारभूत ढांचे के ही प्रदेश में 21 नए कालेज खोलने की अधिसूचना जारी कर दी थी। वह भी चुनावों से पहले। राज्य हित को देखते हुए भाजपा सरकार ने 21 में 16 कालेजों को संचालित किया। इसके लिए बजट भी दिया। शेष पांच नए कालेजों को शुरू करने के लिए अभी छात्रों की संख्या पर निर्भर रहेगा।
350 असिस्टेंट प्रोफेसर, 45 प्रिंसीपल प्रोमोट
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक साल में उच्च शिक्षा में 350 असिस्टेंट प्रोफेसर, कालेजों में 45 प्रिंसीपल पदोन्नति के आधार पर लगाए । इसके साथ-साथ प्राइमरी स्कूलों में 280 हैड मास्टर्ज की नियुक्ति कर दी गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2007 से लेकर 2016 तक के सभी अध्यापकों की एसीआर के तहत रेगुलर प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की है। नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती, प्रदेश में सेवाएं दे रहे पीटीए शिक्षकों को रेगुलर अध्यापकों के बराबर वेतन देने का निर्णय लिया है। एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में दो बार 20-20 प्रतिशत का इजाफा किया गया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पैरा अध्यापकों को भी रेगुलर अध्यापकों के बराबर स्केल देने का भी निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। मिड-डे मील योजना के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई।
शिमला को इलेक्ट्रिक बसों की सौगात
शिमला के लिए इलेक्ट्रिक बसें, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईजीएमसी में न्यू ओपीडी ब्लॉक, केएनएच में न्यू ब्लॉक, डीडीयू में न्यू बिल्डिंग और पार्किंग, टूटीकंडी में मल्टी स्टोरी पार्किंग जनता को समर्पित कर दी गई। एक साल के कार्यकाल में शिमला को डी-कंजेशन से बाहर निकालने के लिए विधायक सुरेश भारद्वाज ने सरकार को रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम का सुझाव भी दिया है। आने वाले समय में शिमला को ट्रैफिक समस्या से भी निजात मिलेगी।
हिमफेड से आईजीएमसी तक बनेगी सुरंग
शिमला में प्रस्तावित दो सुरंगों के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया। शिक्षा मंत्री स्वयं मान रहे हैं कि टनल निर्माण में करोड़ों का खर्चा आएगा, जिस कारण सभी सुरंग एक साथ तैयार नहीं हो सकती। ऐसी स्थिति में प्रदेश की जयराम सरकार ने पहले चरण में एक सुरंग के लिए डीपीआर तैयार करने का निर्णय लिया है, जो हिमफेड से आईजीएमसी को निकलेगी। इस सुरंग के तैयार होने से ट्रैफिक समस्या भी कम होगी।
सैनिक अस्पताल को टेकओवर करे सरकार
शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश सरकार को एक अहम सुझाव दिए हैं। शहर में आग की भेंट से राख हुआ सैनिक अस्पताल को सरकार टेकओवर करे। शिमला के युवाओं के लिए वेलनेस सेंटर खोलने का भी प्रस्ताव तैयार कर दिया है। मल्याणा में आईजीएमसी का सुपर स्पेशलिटी वार्ड बनेगा। इसके अलावा कमला नेहरू अस्पताल को आने वाले समय में थर्ड फेस का भवन भी मिलेगा।