अद्भुत गणेश मंदिर

भगवान गणेश का यह मंदिर कई कारणों से अपने आप में अनूठा और अद्भुत है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति का आकार हर दिन बढ़ता जा रहा है। आंध्रप्रदेश के चित्तूर में बाहुदा नदी के बीचोंबीच बने इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान है…

भगवान गणपति के चमत्कारों की कई कहानियां पुराणों में हैं, लेकिन उनके चमत्कार आज भी देखे जा सकते हैं। इन्हीं में से एक चमत्कार चित्तूर के कनिपक्कम गणपति मंदिर में हर दिन देखने को मिलता है। भगवान गणेश का यह मंदिर कई कारणों से अपने आप में अनूठा और अद्भुत है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति का आकार हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। आंध्रप्रदेश के चित्तूर में बाहुदा नदी के बीचोंबीच बने इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान है। मान्यता के अनुसार यहां आने वाले भक्तों के कष्टों को भगवान गणपति तुरंत दूर करते हैं।

रोज बढ़ रही है भगवान गणेश की मूर्ति

कहते हैं कि इस मंदिर में मौजूद गणेश की मूर्ति का आकार हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस बात का प्रमाण उनका पेट और घुटना है, जो बड़ा आकार लेता जा रहा है। कहा जाता है कि भगवान गणेश की एक भक्त श्री लक्ष्माम्मा ने उन्हें एक कवच भेंट किया था, लेकिन प्रतिमा का आकार बढ़ने की वजह से अब वह कवच भगवान को नहीं पहनाया जाता।

मान्यताः मंदिर की कहानी

मंदिर के निर्माण की कहानी रोचक है। कहा जाता है कि तीन भाई थे। उनमें से एक गूंगा, दूसरा बहरा और तीसरा अंधा था। तीनों ने मिलकर जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा खरीदा। जमीन पर खेती के लिए पानी की जरूरत थी। इसलिए तीनों ने उस जगह कुआं खोदना शुरू किया। बहुत अधिक खुदाई के बाद पानी निकला। उसके बाद थोड़ा और खोदने पर उन्हें गणेशजी की प्रतिमा दिखाई दी, जिसके दर्शन करते ही तीनों भाई जो कि गूंगे, बहरे और अंधे थे, वे एकदम ठीक हो गए। ये यह चमत्कार देखने के लिए उस गांव में रहने वाले लोग इकट्ठे होने लगे। इसके बाद सभी लोगों ने वहां प्रकट हुई भगवान गणेश की मूर्ति को वहीं पानी के बीच ही स्थापित कर दिया। माना जाता है कि बाद में 11वीं सदी के चोल राजा कुलोतुंग चोल प्रथम ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।