अब हर महीने स्कूलों में चैकिंग

इंस्पेक्शन टीमें हर जिला में शिक्षा के स्तर और दूसरी सुविधाओं का लेंगी जायजा, शिक्षा निदेशालय भेजनी होगी रिपोर्ट

 शिमला —प्रदेश के सरकारी स्कूलों पर नजर रखने के लिए अब शिक्षा विभाग ने इंस्पेक्शन टीम को फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं। जिलों में इंस्पेक्शन टीम को अब पूरा दिन ऑफिस में बैठने नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अगर जिलों में तैनात किए गए इंस्पेक्शन कैडर ने फील्ड में न जाकर और ऑफिस में केवल बाबूगिरी ही की, तो ऐसे में उन्हें अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। शिक्षा विभाग के नए आदेशों के अनुसार अब उपनिदेशकों को इंस्पेक्शन टीम से खुद कार्य करवाने होंगे। वहीं एक माह में जिले के कितने स्कूलों में निरीक्षण के किए गए है, इस पर अपडेट लेनी होगी। वहीं अब शिक्षा विभाग को भी हर माह स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट भेजना अनिवार्य किया गया है। दरअसल सरकारी स्कूलों में एक माह में शिक्षक व स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कितने कार्य किए है, वहीं सभी आवश्यक रिकार्ड मेंटेन कर रखे हैं या नहीं, यह सब अधिकारी फील्ड मेें जाकर देखेंगे। इससे अब जहां शिक्षा विभाग की इंस्पेक्शन टीम का कार्य बड़ जाएगा। वहीं इससे सरकारी स्कूल प्रबंधन को भी सभी रिकार्ड रोजाना अपडेट करने होंगे। शिक्षा विभाग का तर्क है कि इससे स्कूलों को हर साल दिए जाने वाले बजट को कहां पर खर्च किया गया है, यह भी आसानी से पता लग पाएगा। वहीं सरकारी स्कूलों में छात्रों को नए लर्निंग आउटकम्स प्लान के तहत पढ़ाया जाता भी है, या नहीं, यह भी कक्षाओं में छात्रों से सवाल-जवाब कर पता करवाया जाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे स्कूलों में बंक पर रहने वाले शिक्षकों पर भी लगाम लगाई जा सकती है। शिक्षा विभाग ने इस बाबत स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला उपनिदेशकों को दी गई है। गौर हो कि  शिक्षा विभाग ने हर जिले में इंस्पेक्शन टीम बनाई है, लेकिन कुछ समय से शिकायतें आ रही थीं कि इंस्पेक्शन में तैनात कर्मी फील्ड में नहीं जा रहे हैं। बता दें कि अब फील्ड में जाकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को रिजल्ट में आ रही गिरावट के कारणों को भी तलाशना होगा। ऐसे में विभाग को यह समझना मुश्किल हो जाता है कि अब स्कूल को कितना नया बजट दिया जाए, और पहले कितना बजट दिया गया था।

बिना बताए स्कूलों में करनी होगी रेड

उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों के अनुसार इंस्पेक्शन अधिकारियों को स्कूल प्रबंधन को बिना बताएं स्कूल में रेड डालनी होगी।  इस दौरान सबसे पहले स्कूल के ऑफिस में जाकर आवश्यक दस्तावेज खंगालने होंगे। इसके बाद कक्षाओं में जाकर छात्रों के साथ संवाद करना होगा।