अमरीका ने धमकाया ईरान

ट्रंप की चेतावनी; अगर कोई हिमाकत की, तो भुगतना पड़ेगा भारी खामियाजा 

वाशिंगटन –पश्चिम एशिया में अमरीकी सैन्य मौजूदगी तेजी से बढ़ने के बीच अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि वह कोई हिमाकत करता है तो उसे इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि हम देखेंगे कि ईरान के साथ क्या होता है। यदि वे कुछ करते हैं, तो यह उनकी भारी भूल होगी। उन्होंने ईरान के खिलाफ अमरीकी सैन्य निर्माण के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में यह बात कही। ट्रंप ने कहा कि मैं ईरान के बारे में कहानियां सुन रहा हूं। यदि वे कुछ करते हैं, तो उन्हें बहुत नुकसान होगा। हम देखेंगे कि ईरान के साथ क्या होता है। अमरीका के विदेश मंत्री सोमवार को मास्को की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द करके ब्रूसेल्ज गए थे। वह ईरान के संबंध में ताजा गतिविधियों के बारे में नाटो सहयोगियों को जानकारी देने के लिए ब्रूसेल्ज गए। बता दें कि सऊदी अरब के दो तेल टैंकरों को निशाना बनाए जाने के बाद वैश्विक स्तर पर इस घटना को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। ईरान ने इस हमले की जांच कराने की मांग करते हुए इसे अहित चाहने वालों का काम करार दिया है। सऊदी और यूएई की तरफ से भी अब तक सीधे तौर पर इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। अमरीका और ईरान के बीच तनाव इस वक्त चरम पर है। अमरीकी प्रतिबंधों का असर ईरान की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देश इस तनाव पर चिंता जाहिर कर चुके हैं और वैश्विक हित में समाधान की बात कह रहे हैं।

ड्रोन हमले के बाद सऊदी अरब ने मुख्य पाइपलाइन से तेल की आपूर्ति रोकी

रियाद। दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने कहा है कि ड्रोन हमले के बाद उसने अपनी प्रमुख पाइपलाइन से कच्चे तेल की आपूर्ति रोक दी है। दरअसल, ईरान की तरफ झुकाव रखने वाले यमन के होती विद्रोहियों ने सऊदी के अहम प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है। बता दें कि सऊदी अरब इन विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जिससे ये काफी नाराज हैं। एक दिन पहले ही संयुक्त अरब अमीरात के समुद्री क्षेत्र में कई तेल टैंकरों पर हमले की खबर आई थी, जिसके बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। ऊर्जा मंत्री खालिद अल फालिह ने कहा कि मंगलवार तड़के लाल सागर की ओर से तेल संपन्न पूर्वी प्रांत होकर गुजरने वाली पाइपलाइन पर दो पंपिंग स्टेशनों को निशाना बनाया गया।