इंदौरा में शिक्षण संस्थान संचालक ने हड़पी छात्रवृत्ति

पीडि़त छात्रों-अभिभावकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई से जांच करवाने की मांग उठाई

ठाकुरद्वारा – जिला कांगड़ा के इंदौरा में भी छात्रवृत्ति फर्जीबाड़ा सामने आया है। पीडि़तों एसडीएम को इस संबंध शिकायत पत्र सौंपकर क्षेत्र के निजी शिक्षण संस्थान की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है।  पीडि़त छात्रा तृप्ता, शिल्पा, कोमल, आरती देवी, वंदना, पूनम, पूजा,रंजना ,पल्लवी और उनके अभिभावकों ने लिखित में बताया के उक्त शिक्षण संस्थान के संचालक उनके घरों में खुद आए और  मुफ्त शिक्षा देने की बात करके उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र और अन्य कागजात ले गए । इसके बाद संचालकों ने खुद ही बैंकों में हमारे खाते खुलवा कर हमारी एडमिशन अपने संस्थान में कर डाली और बैंकों से चेक बुक भी हमारे खाते की जारी करवा ली और प्रत्येक छात्रा से दो-दो खाली चेक पर साइन करवाकर रख लिए और उस समय यह बोला गया कि ये सिक्योरिटी के तौर पर हैं, जब  कोर्स पूरा हो जाएगा, आपको वापस कर दिए जाएंगे। एसडीएम इंदौरा गौरव महाजन ने बताया कि पहले भी ऐसा शिकायतपत्र आया था,जिस बारे में संस्थान से रिकार्ड मंगवाया गया था और मामला संबंधित विभाग को कारवाई हेतु भेज दिया गया था। इस मामले को भी आज ही प्रेषित कर दिया जाएगा। एसएसपी संतोष पटियाल ने कहा कि मामला मेरे ध्यान में आया है। मैं स्वयं इस पर संज्ञान ले रहा हूँ और जांच कर नियमानुसार कानूनी कारवाई अमल में लाई जाएगी। 

चालाकी से बना लिए कार्ड

संचालकों ने बड़ी चालाकी से बच्चों के खातों के एटीएम भी बनवाकर अपने पास रख लिए और हर महीने आने वाले कौशल विकास भत्ते को निकाल कर हड़प गए। यहीं नहीं शिक्षण संस्थान ने बैंकों में जो छात्रों के खाते खुलवाए हैं, उनमें संस्थान का नंबर दिया गया है, यानी जब मैसेज आए तो भी छात्रों को पता न चल पाए

अब भेजे जा रहे लीगल नोटिस

बच्चों ने बताया के संचालक उनके द्वारा सिक्योरिटी के रूप में दिए चेको को  बैंक में लगाकर 23 हजार  छात्रवृत्ति हड़प  गए। आधार लिंक होने के चलते कई बच्चो की छात्रवृत्ति दूसरे बैंक खातों में चली गई तो उनसे पैसे वसूलने के लिए वकीलों से नोटिस निकलवा दिए हैं, कि जल्द हमारी फीस जो आपके खातों में आई है,  जमा करवाओ नही तो चेक बाउंस के मामले पर आप पर  एफआईआर होगी ।

सर्टिफिकेट फर्जी

एक छात्रा ने बताया कि संस्थान ने जो हमें कम्प्यूटर के प्रमाण पत्र जारी किए हैं, जब उनको लेकर पंजीकरण करवाने के लिए रोजगार उप कार्यालय में गए तो पता चला कि  ये प्रमाण पत्र जाली हैं ।