केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट

मंडलायुक्त के 16 पन्नों के दस्तावेज में डीसी, एसडीएम और डीएसपी के बयान कलमबद्ध

शिमला – कांग्रेसियों की खातिरदारी के मामले में प्रशासन के खिलाफ जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है। मंडलायुक्त विकास लाबरू ने 16 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रेषित की है। इस आधार पर राज्य चुनाव अधिकारी ने रिपोर्ट अपनी टिप्पणी के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी है। सोमवार तक इस मामले में चुनाव आयोग फैसला ले सकता है। विकास लाबरू ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल के नामांकन के दौरान सिर्फ पांच लोग ही मौजूद थे। नामांकन के दौरान 100 मीटर के दायरे में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थक भारी संख्या में आ गए थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि नामांकन के बाद करीब 20 कांग्रेसी डीसी के आफिस में मौजूद थे। जांच रिपोर्ट में डीसी कांगड़ा संदीप कुमार, एसडीएम धर्मशाला एसके पराशर तथा डीएसपी बलवीर जसवाल के ब्यान कलमबद्ध है। इसके अलावा नामांकन के दौरान डीसी आफिस में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के बयान भी जांच रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं। विकास लाबरू ने अपनी रिपोर्ट राज्य चुनाव अधिकारी दिवेश कुमार को सौंपी है। इस आधार पर उन्होंने रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को भेज दी है।

लाबरू की रिपार्ट में स्थिति स्पष्ट नहीं

सूत्रों का कहना है कि विकास लाबरू की जांच रिपोर्ट में स्थिति स्पष्ट नहीं है।  इसमें यह साफ-साफ नहीं कहा गया है कि नामांकन के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता के नियमों की उल्लंघना हुई है या नहीं। रिपोर्ट में सिर्फ इतना कहा गया है कि नामांकन के दौरान सिर्फ पांच लोग मौजूद थे, लेकिन डीसी के कमरे में अधिक लोग पहुंच गए थे।

रिपोर्ट में यह भी कहा

रिपोर्ट में कहा गया है कि डीसी कांगड़ा ने खुद चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर डीएसपी को नोटिस जारी किया था। इसमें डीएसपी को आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित करने की चेतावनी थी। इसके विपरीत खुद को जारी हुए नोटिस पर डीसी कांगड़ा ने कहा कि नामांकन के दौरान चुनाव आचार संहिता का पालन किया गया है।

वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि डीसी कांगड़ा की रिपोर्ट में विरोधाभास है। नामांकन के बाद डीसी आफिस पहुंचे कांग्रेसी नेताओं के साथ एसडीएम धर्मशाला एसके पराशर वीडियो फुटेज में साफ दिख रहे हैं। इसके अलावा 100 मीटर के भीतर पांच से ज्यादा कांग्रेसियों के आने पर डीएसपी को भी क्लीनचिट नहीं दी जा सकती।