क्यों जहर खा कर जान देना चाहती है यह महिला

नेरवा तहसील की बौर पंचायत के गांव बिगरौली की एक दृष्टिहीन महिला सुमित्रा ने अभाव भरी जिंदगी से तंग आकर जान देने की बात कही है! महिला के इस दर्द ने सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई योजनाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। गुहार लगाते हुए सुमित्रा ने कहा है कि यदि उसे सरकार से मदद नहीं मिली तो वह जहर खा कर अपनी व अपने बच्चों की जिंदगी समाप्त कर लेगी। दरअसल, बिगरौली गांव में रहने वाली सुमित्रा बचपन से ही दृष्टिहीन है व उसके पति की अढ़ाई वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। सुमित्रा का 13 साल का बड़ा बेटा जिसे स्कूल में होना चाहिए था, पर वो बेचारा मेहनत मजदूरी कर घर का खर्च चला रहा है। सुमित्रा अपने चार बच्चों के साथ एक झोपड़ी नुमा घर में रहती है। सुमित्रा के घर तक न तो बिजली पंहुची है न ही पानी, शौचालय भी नहीं है व घर तक पंहुचने के लिए ठीक से रास्ता भी नहीं है। बहरहाल इस महिला की दशा को देख कर एक बार यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या सरकारी योजनाएं मात्र संपन्न लोगों के लिए ही है । अगर सरकार सच में जनता की भलाई चाहती है तो यहां भी जरूरी गौर करे।