शालिनी राय भारद्वाज, कुल्लू
मुलाकात : हर एक साधारण महिला में भी गुण होते हैं, जरूरत है उन्हें पहचानने की…
जो नारी होने के नाते पाया, उसे क्या शब्द देंगी?
नारी होने के नाते मेरे जहन में नारी गरिमा मुख्य शब्द है। नारी होने के नाते सभी से हमेशा सम्मान पाया। वह सभी रिश्ते और नाते पाए जो सबसे अधिक नारी को मिलते हैं और उन रिश्तों से मिलने वाले सम्मान व स्नेह को पाया जो केवल एक नारी ही पा सकती है।
पुरुष और औरत के बीच जो साझा है, उसे कैसे पहचाना या आपको क्या मिला?
वैसे तो कुदरत ने महिला और पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं किया है। आज महिला व पुरुष सम्मान हैं, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं दोनों के बीच होने वाले मतभेद भी देखे जाते हैं। उनका एक-दूसरे के प्रति आत्मविश्वास। आज हर पुरुष अपनी महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उसका साथ दे रहा है।
साधारण या घरेलू महिला का उद्यमी होना किन मूल ताकतों पर निर्भर करता है?
उसके आत्मविश्वास पर। उसके काम करने के दृढ़ निश्चय पर। हर एक साधारण महिला में गुण होते हैं। केवल मात्र उसे अपने अंदर छिपी प्रतिभा को निखारना है। महिला को स्वयं अपने लक्ष्य को चुन अगर अपना सपना पूरा करना है, तो कोई भी साधारण या फिर घरेलू महिला किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है। फिर चाहे वह उद्यमी हो या अन्य।
कब एहसास हुआ कि आप अपनी हैसियत की एक अलग व बुलंद तस्वीर बना सकती हैं?
जब दुख के बीच में एक समय बेहतर आया पति के कारोबार ने भी रफ्तार पकड़ी और ऐसी अनेक महिलाओं से प्ररेणा ली जिन्होंने जीवन में बहुत कुछ पाया। एक अलग पहचान घरेलू होने के साथ बनी। इसी उद्देश्य से बढ़ती चली गई।
होटल व्यवसाय ही क्यों चुना?
पर्यटन नगरी जैसी खूबसूरत जगह पर जन्म लिया। जहां पर होटल कारोबार सबसे बेहतर कारोबार है। बहुत सी बाहरी राज्य की रहने वाले महिलाएं आज हिमाचल के कोने-कोने में उद्यमी क्षेत्र में काम कर रही हैं, तो इसी के चलते कुल्लू-मनाली की महिला भी किसी से कम नहीं हैं इसी लक्ष्य ने आज उस मुकाम तक पहुंचा लिया।
एक व्यवसायी के रूप में जो हासिल हुआ?
काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। एक परिवार के साथ दूसरा और दूसरा परिवार भी मिला है। जिनके साथ समय बिताती हूं उनके हर सुख- दुख में साथ खड़ी रहती हूं।
पर्यटन की मजबूती के लिए हिमाचल सरकार क्या करे?
पर्यटन नगरी में पर्यटन की सबसे अपार संभावनाएं हैं। सरकार बहुत कुछ कर सकती है। नए पर्यटक स्थलों को संवारना चाहिए। नए पर्यटन स्थलों के खुलने से भी कारोबार में बढ़ोतरी होगी। रोहतांग सहित कई जगहों पर भारी बर्फबारी होती है। ऐसे में नए स्थल उभरने से रोहतांग में भी जो भार रहता है वह कम होगा।
होटल व्यापार के दौरान कोई कड़वा या यादगार अनुभव?
नहीं अभी तक तो नहीं… हां यादगार जरूर है। अब तक कई वीवीआईपी सहित जो भी सैलानी उनके यहां ठहरने आएं हैं उन्हें होटल की हर चीज बेहतर लगी खासतौर पर होटल की लोकेशन, जो मेहनत होटल को तैयार करने में की है उसका फल तब मिलता है। जब सैलानी उनके यहां बिताएं पलों को बेहतर बताते हुए लौटता है।
कंक्रीट में दबते मनाली के भविष्य को लेकर आपकी चिंता व सुझाव?
सही कहा, बदलते समय के साथ आज मनाली में भी काफी बदलाव हो गया है, लेकिन कुछ समय से लोग अब फिर से पारंपरिक की ओर बढ़ते जा रहे हैं। सरकार को ही कोई नियम बनाने होंगे ताकि अवैध रूप से हो रहे निर्माण पर भी अंकुश लग सके। कंक्रीट में दबते मनाली के भविष्य को बचाने के लिए सभी स्थानीय लोगों को भी पहल करते हुए सरकार के साथ सभी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए ।
नारी चरित्र में आपके आदर्श?
सर्वप्रथम मेरे पति चमन कपूर जिन्होंने हर कदम पर साथ दिया और हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया। फिर कई बार कोई चीज गलत भी क्यों न हो और मेरे पीछे से उसे सही भी कर देते थे। साथ ही मेरे बच्चे, जो हमेश मेरे हौसले को बढ़ाते हैं।
तनाव या थकान से मुक्ति के लिए क्या करती हैं। अपने भीतर ऊर्जा कैसे हासिल करती हैं?
समय निकाल कर परिवार के साथ घूमने के लिए उन पर्यटन स्थलों पर जाती हूं जहां से पर्यटन को बढ़ाने के लिए किस तरह से काम होता है। यह भी सीख सकूं। जहां पर भी घूमने के लिए जाती हूं कुछ सीख कर भी आती हूं। ऊर्जा के लिए सुबह उठकर योगा और शाम के समय सैर।
कोई ख्वाब जिसे अभी हकीकत बनना है?
नहीं… खास कोई नहीं। बस बेटी को अपना अस्पताल बनाकर देना और बेटा वकालत की दुनिया में अपना नाम रोशन करे।
स्वरोजगार की ओर हिमाचली युवा कैसे अग्रसर हो सकते हैं। कोई तीन मंत्र?
भले ही देश का युवा वर्ग बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। इससे पहाड़ी राज्य हिमाचल का युवा वर्ग भी आहत है। हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में अगर हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से प्रोमोट किया जा सकता है, तो हिमाचली युवाओं को बेरोजगार अपने घरद्वार उपलब्ध हो सकता है।
खुशबू कपूर खुद को कैसे देखती हैं। कितनी सफल मानती हैं?
परिवारिक की जो भी जिम्मेदारी है उसे बखूभी निभाया। बच्चों की पढ़ाई और जिस क्षेत्र में वह आगे बढ़ना चाहते थे उनके सपनों को साकार किया। जो जीवन की सबसे बड़ी सफल पूंजी है। बाकी अपने सपने को साकार करने के बाद उस क्षेत्र में भी खरा उतरने का प्रयास कर रही हूं। ताकि अन्य महिलाओं के लिए भी प्ररेणा स्रोत बन सकूं।
जीवन में खुशहाली होने और इसे बरकरार रखने की शर्तें?
व्यक्ति को कभी भी अपना दुख का समय नहीं भूलना चाहिए। तभी वह जीवन में हमेशा हर कदम सोच समझ कर रखता है और हर समय कुछ न कुछ सीखता रहता है। खुशहाल जीवन के लिए व्यक्ति को कभी भी आर्थिकी को मजबूत करने की लालसा भी अधिक नहीं होनी चाहिए। जीवन में तभी खुशहाली बनी रहती है।