गोदामों में रखी दवाएं होंगी चेक

आयुर्वेद विभाग ने अपनी तरह की पहली मुहिम छेड़ी

शिमला -दवाआें के टेंडर फाइनल होने के बाद अब गोदामों से भी दवाआें के सैंपल जांचे जाएंगे, जो सैंपल पास होग, उसे ही अस्पतालों तक पहुंचाया जाएगा। प्रदेश के अन्य विभागों के सामने आयुर्वेद विभाग एक ऐसा महकमा बना है,, जिसने गोदामों से मेडिसिन सैंपल जांच शुरू कर दी है।  गौर हो अब आयुर्वेद विभाग के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा 19.58 करोड़ बजट के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए 7.58 करोड़ रुपए की वार्षिक कार्य योजना का प्रस्ताव आयुष मंत्रालय को भेजा था। आयुष मंत्रालय ने राज्य द्वारा प्रस्तुत उपयोगिता प्रमाण पत्र तथा व्यय विवरण के आधार पर राज्य के लिये यह राशि प्रदान की है। इस बजट के तहत ये दवाएं खरीदी जा रही है।देखा जाए तो अभी प्रदेश स्वास्थ्य विभाग भी ऐसा कदम नहीं उठा पाया है जो गोदामों से सैंपल जांच के बाद दवाआें का आबंटन कर रहा हो। अभी आयुर्वेद विभाग की पॉलिसी भी बदने पर विचार चल रहा है। जानकारी  के मुताबिक चुनाव के बाद इस अहम पॉलिसी पर जल्द फैसला ले लिया जाने वाला है।  इस पॉलिसी के लिए तैयार ड्राफ्ट में बड़े  और नए स्तर के बदलाव किए गए हैं। इस पॉलिसी के बदलाव में टेंडर में खरीद को लेकर एलवन के  चक्कर को ही खत्म किया जा रहा है। यानि कि खरीद में ये नहीं देखा जाएगा कि दवा की कीमत सबसे कम किस कंपनी ने लगाई है बल्कि पांच ऐसे विशेषज्ञों की टीम बनाई जानी प्रस्तावित की गई है, जो दवा की खरीद में भाग लेगी, जिसमें तय टीम दवा खरीद में सबसे पहले ये जाचेंगी कि आखिर इस दवा की गुणवत्ता का आधार क्या रहने वाला है। फिलहाल  पॉलिसी को अमलीजामा पहनाने से पहले गोदामों से दवाआें के सैंपल जांच के लिए उठाए जा रहे हैं, जिसके बाद ये जनता तक पहुंचाई जाने वाली है।