चारों संसदीय क्षेत्रों में लगाए पर्यवेक्षक

मंडी में वीरभद्र-सुखराम के मिलने से बने नए समीकरणों पर रहेगी नजर

हमीरपुर  —लोकसभा चुनावों का मौसम पूरे यौवन पर है। भाजपा ने चुनावों की इस बेला में जहां गुटबाजी और भितरघात से बचने के लिए पिछले कुछ दिनों से रूठों को मनाने के प्रयास तेज किए हैं, वहीं पिछली बार आपसी खींचतान के चलते अपने माथे पर जीरों का कलंक लगाने वाली कांग्रेस ने प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर नेताओं की गुटबाजी और भितरघात पर नजर रखने के प्रदेश में चार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इनमें कांगड़ा के पर्यवेक्षक उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए दिल्ली के राजीव गंभीर, चंडीगढ़ के पूर्व उपमहापौर एचएस लक्की को हमीरपुर और शिमला के लिए चक्रवर्ती शर्मा को पार्टी हाइकमान ने भेजा है। हिमाचल में कांग्रेस की अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं है। ये पर्यवेक्षक शिमला में जहां टिकट न मिलने से नाराज नेताओं पर नजर रखेंगे, वहीं वे क्या कर रहे हैं, प्रचार में उनका कितना योगदान है और चुनावों का माहौल कैसा है, आदि बिंदुओं पर ये पर्यवेक्षक रिपोर्ट तैयार करेंगे और कांग्रेस हाईकमान को सौंपेंगे। मंडी संसदीय क्षेत्र में पार्टी के दो दिग्गज नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और  पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के बीच पनपे नए संबंधों से चुनाव प्रचार किस तरह चल रहा है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा नेता सुरेश चंदेल की कांग्रेस में एंट्री के बाद यहां पार्टी नेताओं और  कार्यकर्ताओं में किस तरह की हलचल है। इस पर नजर रखी जाएगी। कांगड़ा संसदीय सीट पर संगठन व  कार्यकर्ताओं में कितना जोश है, पर्यवेक्षक इस बात का पता लगाएंगे।

गुटबाजी दूर करने में सफल

हमीरपुर पहुंचे कांग्रेस के स्टार प्रचार प्रवीण डाबर ने कहा कि कांग्रेस में भितरघात व गुटबाजी दूर करने के पूरे प्रयास किए गए हैं और पार्टी इसमें सफल भी हुई है। उन्होंने कहा कि जहां कहीं कमी नजर आई  है, वहां आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।