दूसरा चरण पूरा होने पर ही मिलेगा तीसरे का बजट

शिमला – हिमाचल में रूसा-थ्री सिस्टम के बजट पर एक बार फिर खतरा मंडरा गया है। अब राज्य के कालेजों में रूसा-थ्री के तहत तभी बजट की ग्रांट जारी होगी, जब कालेज रूसा वन व टू के सभी विकास कार्यों को पूरा करेंगे। एमएचआरडी की इस नई शर्त ने हिमाचल शिक्षा विभाग को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि भारत सरकार के निर्देशों के बाद भी अभी तक राज्य के लगभग 15 कालेजों ने रूसा-वन का युटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं भेजा है। हैरत यह है कि प्रदेश के क्लस्टर विश्वविद्यालय का बजट भी पूरी तरह से खर्च नहीं हो पा रहा है। अब भारत सरकार ने दूसरी बार शिक्षा विभाग के साथ बैठक आयोजित कर यह निर्देश दिए हैं कि अगर रूसा-टू तक प्रदेश में समय पर बजट को खर्च नहीं किया गया, तो ऐसे में रूसा-थ्री के तहत मिलने वाले बजट पर रोक लगा दी जाएगी। हालांकि अभी प्रदेश के इक्का-दुक्का कालेजों को छोड़कर रूसा-टू की पहली ग्रांट भी नहीं मिली है। शिक्षण संस्थानों को बाकी बजट समय पर यूसी न भेजने और खर्च न करने के कारण नहीं मिला है। सूत्रों की मानें तो शिक्षा निदेशक एमएचआरडी की दूसरी बैठक में भी केंद्र को रूसा के तहत आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखा पाए हैं। इसी वजह से अब शिक्षा विभाग को रूसा थ्री से पहले रूसा वन व टू को खत्म करना किसी चुनौती से कम नहीं लग रहा है। हालांकि शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने प्रदेश के कालेजों व क्लस्टर विश्विद्यालय को रूसा-थ्री के लिए तैयारियां और पेंडिंग कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशक ने  निर्देश दिए हैं कि सभी कालेज हर माह रूसा की अपडेट निदेशालय भेंजे। शिक्षा निदेशालय शिमला के आरकेएमवी, नाहन, सिरमौर, चंबा व अन्य जिलों के डिग्री कालेजों को लापरवाही बरतने के लिए नोटिस भी जारी करेगा। बता दें कि छह सालों से रूसा के तहत जिस योजना पर कालेजों में कार्य हो चुका होगा, उस पर एमएचआरडी ग्रांट नहीं देगी। इसकी जगह दूसरी योजना के तहत नई ग्रांट शुरू की जाएगी। बता दें कि वर्ष 2013 में हिमाचल में भी रूसा लागू किया था। 2016 तक प्रदेश में रूसा वन के तहत कार्य हुआ। इसके बाद रूसा-टू शुरू होने के बाद अब 2020 में हिमाचल में रूसा-थ्री के तहत उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता लाने का सुधार होगा।