नांघुई में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी बनी खंडहर

साहो—सराहन पंचायत के नाघंुई गांव में लाखों रुपए की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी भवन देखरेख के अभाव में खंडहर में तबदील होकर रह गया है।  सरकारी भवन के बावजूद आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का संचालन निजी भवन में किया जा रहा है। बारह वर्ष बीत जाने के बाद भी इस भवन में कामकाज आरंभ न होने से लोगों ने इसमें घास आदि रखना आरंभ कर दिया है। ग्रामीण देविंद्र कुमार, दिनेश, योगेश, किशन चंद व बुद्धि प्रकाश आदि का कहना है कि दस वर्षों से निर्मित इस भवन का जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अरसा बीत जाने के बाद भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को सरकारी भवन में शिफ्ट नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सरकारी भवन की विभाग द्वारा सुध न लेने से इसकी दशा दिन- प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी भवन का बिजली कुनेक्शन भी कट गया है। ग्रामीणों ने बताया कि वे कई मर्तबा आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के सरकारी भवन में संचालित करने की मांग विभिन्न मंचों पर उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।