पढ़ाई के बाद रोजगार की चिंता

– राजेश कुमार चौहान

आजकल विभिन्न शिक्षा बोर्डों के परीक्षा परिणाम आ रहे हैं। इनमें बहुत से विद्यार्थियों ने शानदार अंक प्राप्त किए हैं। परीक्षा में शानदार अंक लेने वाले विद्यार्थियों को मीडिया द्वारा कवर करने का मकसद उन विद्यार्थियों को जागरूक करना होता है, जो अपने मां-बाप की कमाई की परवाह न करते हुए अपनी पढ़ाई में लापरवाही बरतते हैं। असफल हुए विद्यार्थियों का मन निराशा से भी भर जाता है, लेकिन बीता समय वापस नहीं आता। ऐसे विद्यार्थियों को निराशा में आकर कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए, बल्कि अपनी असफलता का मंथन करके कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि अगली बार शानदार सफलता प्राप्त हो। देश में हर साल लाखों युवा अच्छे अंक लेकर अपना करियर बनाने की राह पर बढ़ रहे हैं, लेकिन देश में जिस तरह बेरोजगारी की लाइन बढ़ रही है, तो ऐसे में भावी पीढ़ी के लिए रोजगार प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। यह भी गंभीर चिंता का विषय है। सरकार और लोगों को चाहिए कि युवा पीढ़ी को इसके लिए भी जागरूक करें कि पढ़ाई में अच्छे अंक लेने का मतलब यह नहीं कि वे स्वरोजगार करने की तरफ न बढ़ें। स्वरोजगार में भी अच्छा करियर बनाया जा सकता है।