पहले इंजीनियरिंग कालेज में एमटेक कोर्स ही नहीं

 सुंदरनगर – वर्ष 2006 में मंडी जिला के सुंदरनगर में प्रदेश के प्रथम राजकीय इंजीनियरिंग कालेज की स्थापना हुई। स्थापना के एक दशक से अधिक समय बीत गया है, लेकिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम से स्थापित किए गए इस इंजीनियरिंग कालेज में वर्तमान में एमटेक का एक भी कोर्स शुरू नहीं हो पाया है, जिसके चलते सूबे से तैयार हो रहे इंजीनियर आगे एमटेक करने के लिए बाहरी राज्यों की ओर पलायन करने को विवश हैं। एमटेक कोर्स शुरू न होने के पीछे भी मुख्य कारण पर्याप्त व निपुण स्टाफ का उच्च पदों पर न होना आंका गया है। शिमला के प्रगतिनगर, ज्यूरी व नगरोटा बगवां में स्थापित किए गए अन्य तीन इंजीनियरिंग कालेजों की स्थिति भी कुछ खास बेहतर नहीं आंकी गई है। फैकल्टी के अभाव में इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रशिक्षु राम भरोसे ही कर रहे हैं। यहां तक कि आज तक इंजीनियरिंग कालेजों को स्थायी प्रिंसीपल कम डायरेक्टर की तैनाती सरकारें नहीं कर पाई हैं। केवल एनआईटी से उधार के प्रोफेसर्ज के सहारे सूबे के इंजीनियरिंग कालेजों की कामकाज व्यवस्था की कमांड चली हुई है, जिससे काम चलाऊ व्यवस्था के आगे इंजीनियरिंग कालेजों में व्यवस्था किस कद्र चल रही है। यह वर्तमान में चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने इस ओर अपना ध्यान केंद्रित तक नहीं किया है और लोकसभा चुनावों में इस मुद्दे से दोनों राजनीतिक दल कोसों दूर है। सुंदरनगर के पुराने इंजीनियरिंग कालेज में करीब 1200 प्रशिक्षु इंजीनियर्ज को बीटेक में तैयार करने की क्षमता है, लेकिन यहां इंजीनियरिंग कालेज के होस्टल की सुविधा के लिए भी अभी तक प्रशिक्षु इंतजार में हैं और बाजारों में महंगे दामों पर किराए के मकान लेकर पढ़ाई करने को विवश दिखे हैं। यह आलम बिना स्थायी प्रबंधन की तैनाती के हो रहा है। उधर, कार्यवाहक प्रिंसीपल एवं डायेरक्टर जेएनजीईसी सुंदरनगर एवं ज्यूरी कैंपस स्थित सुंदरनगर के प्रिंसीपल एवं डायेरक्टर डा. विनोद कुमार का कहना है कि इंजीनियरिंग कालेजों में उच्च पदों पर स्थायी स्टाफ की तैनाती होनी चाहिए। एजेंडा सरकार के ध्यान में है।

वोट उसी को…

प्रदेश के चार इंजीनियरिंग कालेजों में इंजीनियरिंग करने वाले प्रशिक्षु इंजीनियरों ने मन बनाया है कि अगर कालेजों में तमाम सुविधा जुटाने की कोई भी दल हामी नहीं भरता है, तो इस बार के लोकसभा चुनावों में युवा पीढ़ी अपना मत ऐसे दल को मजबूत करवाने को देगी, जो इजीनियरिंग कालेजों में आधारभूत ढांचे को मजबूती प्रदान करने के सिवाय अन्य सुख सुविधाएं मुहैया करवाने का मादा रखता हो।