मेजर गोगोई की वरिष्ठता कम कश्मीर से बाहर भेजा जाएगा

श्रीनगर होटल कांड

श्रीनगर -साल 2017 में मानव ढाल विवाद को लेकर चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई को वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जाएगा, क्योंकि सेना मुख्यालय ने उनके एक स्थानीय महिला से दोस्ती करने के मामले में सजा की पुष्टि कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी। सेना के सूत्रों के मुताबिक गोगोई की वरिष्ठता छह माह के लिए कम की गई है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट मार्शल में गोगोई और उनके चालक समीर मल्ला को दो आरोपों-निर्देशों के विपरीत एक स्थानीय महिला से दोस्ती करने और अभियान क्षेत्र में रहने के दौरान अपनी ड्यूटी की जगह से दूर रहने में दोषी पाया था। मल्ला की यूनिट के कंपनी कमांडर को उसकी सजा पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है, जिसमें उसे कड़ी फटकार लगाई जा सकती है। मल्ला पर अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप था। वर्ष 2017 में मल्ला प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था और वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में शामिल राष्ट्रीय रायफल्स के 53 सेक्टर में तैनात था। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया की सेना मुख्यालय ने पुष्टि की, जिसके बाद गोगोई को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने का फैसला किया गया। मेजर गोगोई और उनके चालक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले साल 23 मई को तब पकड़ा था, जब उनका होटल स्टाफ से विवाद हो गया था। गोगोई 18 वर्षीय एक महिला के साथ होटल में कथित प्रवेश की कोशिश कर रहे थे और इसी बात को लेकर होटल के कर्मचारियों से उनका झगड़ा हुआ था। महिला ने कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान गवाही देने के प्रति अनिच्छा जताई थी और सेना के अधिकारियों को सूचित किया था कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था तथा इसे ही उसका अंतिम रुख माना जाए। महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी। महिला ने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी। पिछले साल हुई इस घटना के तुरंत बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि यदि मेजर गोगोई किसी अपराध के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। जनरल रावत ने कहा था कि भारतीय सेना का कोई अधिकारी यदि किसी अपराध का दोषी पाया जाता है तो हम हरसंभव कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे। मेजर गोगोई तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने नौ अप्रैल 2017 को बड़गाम में एक उपचुनाव के दौरान पथराव कर रही अनियंत्रित भीड़ का सामना करने के लिए एक व्यक्ति को जीप के बोनट पर बांध दिया था।