मोदी के शपथग्रहण समारोह की तैयारी जोरों पर

 

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को शपथग्रहण के भव्य समारोह की तैयारियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं। समारोह में अनेक अंतरराष्ट्रीय नेता, बिम्सटेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, क्षेत्रीय छत्रप सहित तमाम नामचीन हस्तियां भाग लेंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालांकि पहले इस संवैधानिक समारोह में शामिल होने की सहमति दे दी थी लेकिन आज उन्होंने भाजपा के राजनीतिक हिंसा के आरोपों के विरोध में शपथग्रहण समारोह में आने से मना कर दिया। वर्ष 2014 में भी वह राजनीतिक कटुता के कारण शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुईं थीं।श्री मोदी ने बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपवर्ती देशों के अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोगी संगठन बिम्सटेक के सदस्य देशों बंगलादेश, भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड के नेताओं को समारोह के लिए आमंत्रित किया है। बंगलादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना, म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिन्त, भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द कुमार जगन्नाथ और थाईलैंड के विशेष राजदूत ग्रिसाडा बूनराच ने आने की सहमति दे दी है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्तमान अध्यक्ष किर्गीज गणराज्य के राष्ट्रपति सूरोन जीनबेकोव भी नई दिल्ली आ रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मंगलवार को प्रधानमंत्री के साथ तीन घंटे लंबी बैठक चली जिसमें मंत्रिमंडल के गठन को लेकर गहन विचार मंत्रणा हुई। श्री शाह ने आज ही जनता दल यूनाइटेड के नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी चर्चा की। श्री कुमार की पार्टी निवर्तमान सरकार में शामिल नहीं थी। नयी लोकसभा में 303 सदस्य भाजपा के हैं और अन्य 50 सदस्य सहयोगी दलों के हैं। लोकजनशक्ति पार्टी की ओर से श्री रामविलास पासवान ही मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं में से एक श्री अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से मंत्री बनने से इन्कार कर दिया है। श्री शाह और श्रीमती सुषमा स्वराज के नई कैबिनेट में आने को लेकर विभिन्न प्रकार की अटकलें लगायीं जा रहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पराजित करने वाली स्मृति ईरानी के विभाग को लेकर भी अटकलें लगायीं जा रहीं हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल से भाजपा के विजयी 18 उम्मीदवारों में से कइयों काे 2021 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर मंत्री बनाया जा सकता है।