रोडवेजकर्मी हक को बुलंद करेंगे आवाज

यूनियन के प्रधान बोले, मांग पूरी न कर आंदोलन के लिए उकसा रही सरकार

हिसार -हरियाणा रोडवेज में आउटसोर्सिंग पोलिसी पार्ट-वन और दो तहत गु्रप डी व अन्य कर्मचारियों समेत ड्राइवरों, कंडक्टरों और वर्कशॉप में काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी का मामला तूल पकड़ गया है। रोडवेज में 2016 में भर्ती अस्थायी ड्राइवरों को हटाने के आदेश जारी होने के बाद रोडवेज के कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम घोटाले की जांच से ध्यान भटकाने के लिए विभाग के अधिकारियों पर तुगलकी फरमान जारी करने का आरोप लगाया है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि इस घोटाले की विजिलेंस जांच से विभाग के उच्चाधिकारी बौखलाए हुए हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल में इस सिलसिले में आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के सामने आते ही कर्मचारी संगठन सक्रिय हो गए हैं और हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल समिति ने एक चिट्ठी जारी की। उन्होंने कहा कि यूनियन इन आदेशों को किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि विभाग ने जिन ड्राइवरों को हटाया है, वह सभी 2016 में भर्ती किए गए थे। उनकी भर्ती में वही प्रक्रिया अपनाई गई थी, जो नियमित भर्ती के लिए अपनाई जाती है। तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही ड्राइवरों को मेरिट के आधार पर भर्ती किया गया था, लेकिन विभाग के कुछ अधिकारी तमाम नियमों व कायदे कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं और वह माननीय कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। जिला प्रधान ने कहा कि अधिकारी आदेश जारी करके कर्मचारी संगठनों को आंदोलन करने के लिए उकसा रहे हैं। इससे रोडवेज कर्मचारियों में भारी रोष और गुस्सा है। उन्होंने कहा कि किमी स्कीम के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने 18 दिन की हड़ताल की। इसके बाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि कर्मचारियों पर निलबंन और एस्मा के तहत की गई हर तरह की कार्रवाई को आगामी आदेश तक सस्पेंड किया जाए। किलोमीटर स्कीम घोटाले की विजिलेंस जांच में पक्ष रखने के लिए तालमेल कमेटी को 27 मई को बुलाया गया है। कमेटी की बैठक रोहतक में बुलाई गई है। विजिलेंस जांच में सबूतों के साथ तालमेल कमेटी अपना पक्ष रखेगी। जिला प्रधान राजपाल नैन ने का कि यूनियन मांग करती है कि किलोमीटर स्कीम घोटाले में संलिप्त सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से परिवहन विभाग से बदला जाए।