लुंगड़ू के औषधीय गुण

लुंगड़ू की हरी कोमल डंठल में विटामिन ए, विटामिन बी कांप्लेक्स, पोटाशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन और मिनरल्ज भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। इन दिनों बाजार में लुंगड़ू आसानी से मिल जाता है। इसकी सब्जी और साग बनाकर भी खाया जाता है। पहाड़ी व्यजनों में इसका मधरा और अचार भी बनाया जाता है…

 पहाड़ी नदी नालों में पाई जाने वाली जैविक पौध लुंगड़ू या लिंगड़ी, फर्न न केवल पौष्टिक सब्जी है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। लुंगड़ू की हरी कोमल डंठल में विटामिन ए, विटामिन बी कांप्लेक्स, पोटाशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन और मिनरल्ज भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। इन दिनों बाजार में लुंगड़ू आसानी से मिल जाता है। इसकी सब्जी और साग बनाकर भी खाया जाता है। पहाड़ी व्यजनों में इसका मधरा और अचार भी बनाया जाता है। वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि लुंगड़ू मधुमेह और चर्म रोग सहित अनेक बीमारियों को भी दूर करता है। हिमालयन जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर में लुंगड़ू पर हुए प्रारंभिक शोधों में यह बात सामने आई है। इसकी चर्चा संस्थान में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी में की गई। इसमें यह भी पता चला है कि इससे अन्य बीमारियों में भी लाभ होता है। लुंगड़ू में मधुमेह सहित अन्य कौन-कौन सी और खतरनाक बीमारियों से लड़ने व जीतने की शक्ति है, आइए जानते हैं इसके बारे में। हिमालय की पर्वत शृंखला व देश भर में लुंगडू की 1200 प्रजातियों का पता लगाया गया है। इन में हुए प्रारंभिक शोध से पता चला है कि इसमें वह गुण है जो मधुमेह आदि बीमारियों से बचाव करता है। लुंगड़ू  औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ -साथ हमारे शरीर को कई रोगों से मुक्त करने में कारगर है।

डायबिटीज दूर करे- डायबिटीज रोगियों के लिए यह रामबाण दवा है। प्राचीन काल में लोग लुंगड़ू की हरी कोमल गोलाकार डंठल का  सेवन करते थे और डायबिटीज जैसी घातक बीमारी से दूर रहते थे। (फर्न) लुंगडू में  मधुमेह, चर्म रोग सहित अन्य बीमारियों को भी दूर करने की क्षमता है।

लिवर और आंतों की समस्या में कारगर- लिवर में होने वाली गड़बड़ को ठीक करने और आंतों में सूजन या आंतों से संबंधित बीमारियों को तुरंत ठीक करने में लुंगड़ू की हरी कोमल डंठल को  हल्की आंच में उबाल कर खाने से तुरंत आराम मिलता है।

फोड़े-फुंसियों में फायदेमंद- लुंगड़ू की जड़ को बारीक कूट या पीस कर फोड़े- फुंसी वाली जगह के चारों ओर लगाने से तुरंत आराम मिलता है और फोड़े और फुंसियां ठीक हो जाती है। यह जख्मों को शीघ्र भरने में सक्षम है। 

कैंसर दूर करे- लुंगड़ू की कोमल हरी डंठल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसकी सब्जी बनाकर या उबाल कर खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी में भी फायदा होता है।

गठिया में लाभदायक- लुंगड़ू की जड़ को पीसकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है। इस सब्जी का सेवन करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। लुंगड़ू कुपोषण सहित अन्य कई बीमारियों के लिए बेहतर सब्जी है। इसमें विभिन्न पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में है।