लोग मुझे गीता बिस्वास के नाम से जानते हैं: वैभवी मैकडोनाल्ड

वैभवी मैकडोनाल्ड जिन्होंने टेलीविजन का लोकप्रिय और लंबा चलने वाला शो ‘शक्तिमान’ में बेहतरीन भूमिका से लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि आज भी उनके फैन उन्हें गीता बिस्वास के नाम से जानते हैं और उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय किया है। इसके अलावा वह ‘स्टार प्लस’ का लोकप्रिय शो ‘दिव्य दृष्टि’ में महिमा शहगिल के किरदार में नजर आ रही हैं। उनके साथ हाल ही में हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश हैं…

टीवी शो दिव्य दृष्टि में आप महिमा शहगिल का किरदार निभा रही हैं, आपका कितना महत्त्वपूर्ण रोल है इस शो में?

काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आप जब शो देखेंगे तो तीन चार कैरेक्टर ही ऐसे हैं जिनको सबसे ज्यादा दिखाया गया लीड को छोड़कर। सबसे मेन कैरेक्टर लीड होता है, लेकिन उसके बाद जो फैमिली में हैं वे महत्त्वपूर्ण कैरेक्टर मेरा ही है, मेरा जो कैरेक्टर है ‘मोम टाइप’ नहीं है बिजनेस वूमन है।

दिव्य दृष्टि में आपका अंदाज अलग है, उसके बारे में क्या कहना है? 

लुक बहुत ही अलग दिया है शो की स्टाइलिश  शिवांगी है। उन्होंने बहुत मेहनत की है। लुक को पूरा डिजाइन किया गया है।

इस शो के अलावा आप कौन से प्रोजेक्ट में व्यस्त हैं?

एक हैं शशि सुमित प्रोडक्शन से ‘ये उन दिनों की बात है’ उसमें मैं लड़की की मां का किरदार निभा रही हूं। वे मां ऐसी है, जिनकी दूसरी शादी हो चुकी है वह अपने बेटे को छोड़ कर रह रही है। थोड़ी सी मॉडलिंग है और उनमें थोड़ा फिक्शन होता है उनके बेटे के बीच। ‘सपने सुहाने लड़कपन के’ उसमें एकदम घरेलू मतलब मिडल क्लास की लेडी होती है उस कैरेक्टर के बाद मेरे लिए सरप्राइज है कि मुझे हाई सोसायटी कैरेक्टर मिल रहा है।

आपके करियर की शुरुआत टेलीविजन का सबसे लंबा चलने वाला शो शक्तिमान से हुई उस दौरान से लेकर अभी-तक आपने जितने भी किरदार निभाए क्या उनसे आप संतुष्ट हैं?

कभी-कभी ऐसा लगता है कि टेलीविजन में तो कई बार यह हो जाता है कि आप जो कर रहे हो लॉजिक नहीं होता बहुत सारी चीजों में, तो लॉजिक चीजों की वजह से ऐसा लगता है कि कुछ और करना चाहिए, लेकिन फिर आप यह सोचते हो कि यार काम, काम होता है आप अपना बेस्ट दो, आप इम्प्योइड , ज्यादा सवाल जवाब नहीं होता चुपचाप काम करो, लेकिन आपका काम अच्छा दिखना चाहिए। क्योंकि दस लोग देखते हैं आपके फैन के प्रति आपकी जिम्मेदारी होती है, तो आपको उन्हें निराश नहीं करना है।

शक्तिमान में जब आप काम कर रही थीं ,तब लोग आपको गीता बिस्वास के नाम से जानते थे। अब आपके फैन आपको किस नाम से जानते हैं?

अभी भी गीता बिस्वास से ही जानते हैं इतने सालों में भी जब बच्चे छोटे थे जब शक्तिमान देखते थे अब वह बड़े हो गए अभी भी उनके लिए उतनी ही यादें हैं, अभी भी लोग मुझे गीता बिस्वास के नाम से जानते हैं दूसरी चीजें भी हैं जैसे सपने सुहाने की सेल है कुछ लोग मुझे वैसे जानते हैं कुछ लोग जब में फिल्म करती थी तब से जानते हैं डिफरेंट लोगों का डिफरेंट यह है कि काफी कुछ वैराइटी में किया है तो बहुत सारे लोग उसमें से पहचानते हैं आज की तारीख में ‘ये उन दिनों की बात है’ काफी पॉप्युलर रहा है। एक टाइम के बाद क्या होता है कि टीवी सीरियल आपकी पहचान नहीं बनाती है आप ऑलरेडी नौन हो जाते हो कैरेक्टर आपके हिट हो उन पर डिपेंड करता है।

आपके लिए मुश्किल रोल कौन सा रहा है?

मेरे लिए सबसे मुश्किल रोल रहा है, मैंने एक लीड रोल किया था। टाईटल रोल था मेरा, छोटी में एक अनोखा , वह मेरे लिए सबसे मुश्किल रहा क्योंकि उसमें डबल रोल था बहुत चैलेंजिंग था एक कैरेक्टर बहुत ही चुलबुली टाइप का था और एक पावरफुल ऑवऊर का था। मैंने वक्त से पहले ये रोल किया बिकॉज तब में सत्ताईस की थी और मैंने फोर्टिन के ग्रुप वह रोल किया बॉडी लैंग्वेज हर चीज उसमें बहुत तंग करता था और उनकी जो मेकर्स थी को-प्रोड्यूसर राधिका साउथ की जानी मानी एक्ट्रेस हैं उनका सेम सब्जेक्ट उनका सीरियल था तमिल मैं वह सूपर डुपर हिट थी जिनका नाम था तृप्ति वह बहुत ही हट हुई थी। मतलब उसको निभाना और फिर लोगों का प्यार मिलना  वही कैरेक्टर मुझे यहां पर करना था। बहुत अम्सयुलर रोल था। और उसमें बहुत ज्यादा महेनत की जरूर थी, तो वे रोल मेरे लिए काफी डिफिकल्ट रहा है।

एक सेलेब्रिटी होने के नाते आप अपने स्टारडम को कैसे कायम रखती हैं?

दरअसल में डाउन टू अर्थ हूं तो में ज्यादा यह नहीं करती हूं मैं मैच हो जाती हूं। लोगों के साथ में अपनी नार्मल लाइफ जीती हूं, मैं आपको ऐसे केरी नहीं करती जैसे एकदम मैंने ट्राय किया, लेकिन नहीं होता, लेकिन आप जो हो अंदर से उसे बदला नहीं जाता।

काम के अलावा आपके फिटनेस की एक्टीविटी क्या होती है?

दरअसल टाइम ही नहीं मिलता, दो-तीन शूट के बाद एक दिन मिलता है, तो जिम एक रूटिंग नहीं बन पा रहा और रूटिंग क्या होता है कि आप डैली जाओ और एक्सरसाइज करो तो आपकी रूटिंग बने मेरा वह भी नहीं है। अब में स्विमिंग में जाऊंगी क्योंकि स्विमिंग बेस्ट है मेरे लिए और डाइट थोड़ा सा कंट्रोल करती हूं और वेइट लॉज ऑस्लो। यह एक ऐसा काम है, जो कभी खत्म नहीं होता।

— दिनेश जाला