सियासत का खेल

– मेहरचंद दर्दी, कांगड़ा

थप्पड़ खाने वाला कभी हार नहीं मानता

मत खेलो ऐसा खेल

जिसकी किस्मत में होता, वह जीत जाता है

कभी नहीं होता फेल।

सांसदों की इज्जत करो

यही बनाएंगे सरकार

थप्पड़ वाले फंस जाएंगे

यही कहता है करतार।

एक-दूसरे की इज्जत करो

शिक्षित विद्वान हैं सारे

उसकी कभी इज्जत नहीं होगी

दूसरों को जो थप्पड़ मारे

यह सियासत नहीं, इज्जत का खेल है

पीएम बने हैं चायवाले यहां

किसी का कोई मुकाबला नहीं यहां

रंक को राजा बनाता है ऊपर वाला यहां।