‘स्टार्स’ से चमकेगी सरकारी स्कूलों की शिक्षा

शिमला —हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब ‘स्टार्स’ प्रोजेक्ट शिक्षा की गुणवत्ता सुधारेगा। भारत सरकार ने ‘स्टार्स’ को स्ट्रेथनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेट्स के नाम का दर्जा दिया है। यह प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम्स का लेवल, टीचर ऐजुकेशन और साथ ही छात्रों की इनरोलमेंट को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा। भारत सरकार ने पहली बार स्टार्स प्रोजेक्ट में हिमाचल के नाम को भी शामिल किया है। इसके तहत इस साल इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की सरकारी शिक्षा के लिए करोड़ों का एक्स्ट्रा बजट मिलेगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019-2020 में इस प्रोजेक्ट के साथ देश के छह राज्यों को चुना है, जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, उड़ीसा, महाराष्ट्र के साथ हिमाचल प्रदेश शामिल है। अहम यह है कि भारत सरकार ने इस साल इन छह राज्यों में करोड़ों का एक्स्ट्रा बजट देकर सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने का प्लान बनाया है। जानकारी के तहत स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से शिक्षा व्यवस्था को जांचा जाएगा और पढ़ाई के लेवल को सुधारा जाएगा। वहीं प्राइमरी और अपर प्राइमरी में ऑनलाइन शिक्षा की शुरूआत की जाएगी। स्टार्स के तहत सभी स्कूलों में कंम्प्यूटर, और अन्य ऑनलाइन सिस्टम लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार वर्ल्ड बैंक के साथ शुरू कर रही है। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद हर चुनिंदा राज्य को अलग से करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत होगा। अहम यह है कि स्टार्स प्रोजेक्ट के लिए प्लान शिक्षा विभाग द्वारा बनाया जाएगा। स्टार्स प्रोजेक्ट में भारत सरकार ने जो प्लान तैयार किया है, उसमें टीचर ऐजुकेशन के लेवल को भी बढ़ाए जाने की बात की गई है। प्रदेश के शिक्षकों को मास्टर और ग्लोबल ट्रेनर ही प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। बता दें कि स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत राज्य के सभी स्कूलों को लाया गया है। प्राइमरी से लेकर सेकेंडरी लेवल तक शिक्षा में सुधार इस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। अहम यह है कि स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत मिलने वाला बजट सभी स्कूलों को दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार बजट मिलने के एक साल बाद खर्च का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी देना होगा। कहा जा रहा है कि स्टार्स प्रोजैक्ट के तहत स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भी शिक्षा विभाग भर सकता है।