हिमाचल के जंगलों से इस बार कम उठा धुआं

 शिमला —इस बार फायर सीजन के दौरान प्रदेश के 376 हेक्टेयर जंगलों में आग लगी। हालांकि पिछली बार के मुकाबले इस बार आग लगने के मामले काफी कम हैं। फिर भी जंगलों में आग लगने से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। राज्य वन विभाग के मुताबिक 20 अप्रैल से लेकर अब तक प्रदेश में सात डिवीजन में आग लगने के 155 केस सामने आए हैं। इसमें से सबसे अधिक मामले धर्मशाला डिवीजन के हैं। यहां 49 केस अग्निकांड के सामने आए हैं। वन विभाग के मुताबिक अब तक आग से करीब नौ लाख का नुकसान हुआ है। हर साल प्रदेश में गर्मियों के दौरान जंगलों में चीड़ की पत्तियों में आग लग जाती है। इस बार मौसम का भी साथ रहा। हर सप्ताह बारिश का दौर चलता रहा, जिस कारण जंगलों में आग अधिक नहीं भड़की।  जानकारी के मुताबिक अब तक बिलासपुर में 13, धर्मशाला में 49, हमीरपुर में नौ, मंडी में 24, नाहन में 19, रामपुर में 19 और सोलन डिवीजन में 12 केस आग लगने के सामने आए हैं। वनों में आग से होने वाले नुकसान का पूरा आकलन 15 जुलाई के बाद किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रदेश में आग लगने के 2500 मामले सामने आए थे और तीन करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया था।

टोल फ्री नंबर 1077 पर दे सकते हैं सूचना

प्रदेश के जंगलों में आग लगने की सूचना टोल फ्री नंबर 1077 पर दी जा सकती है। ये नंबर राज्य आपदा प्राधिकरण का है। वन विभाग ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि अपने क्षेत्रों में आग लगने की सूचना आप इस नंबर पर दे सकते हैं या फिर जिलों में स्थापित टोल फ्री नंबर 1070 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

आग से निपटने को 92 होमगार्ड्स भी

जंगलों में आग से निपटने के लिए संवेदनशील फोरेस्ट डिविजन में 92 होमगार्ड्स तैनात किए गए हैं, जो वन रक्षकों के साथ काम कर रहे हैं। वन विभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम भी गठित कर दी है, ताकि वनों को नुकसान होने से बचाया जा सके।