हिमाचल प्रदेश में संस्कृत दूसरी राजभाषा

दर्जा देने की अधिसूचना जारी, अब देवताओं की भाषा में भी होगा विभागीय पत्राचार

शिमला  —हिमाचल में संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दे दिया गया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। पत्र संख्या नंबर एलएल आरडी 6/-6/2016 के तहत हिमाचल प्रदेश राजभाषा संशोधन अधिनियम-2019 के तहत राज्य की दूसरी राजभाषा का दर्जा संस्कृ त को मिल गया है। अब हिमाचल में विभागीय पत्राचार संस्कृत में भी होंगें।  पहले प्रदेश में हिंदी, अंग्रेजी में विभागीय पत्राचार होते थे, लेकिन अब संस्कृत में भी विभिन्न विभागीय कार्रवाई और पत्राचार के तहत तयअधिसूचना जारी की जाएगी। प्रदेश में संस्कृत का प्रचार-प्रसार के साथ उसके कद को बढ़ाने के लिए हिमाचल का ये काफी बड़ा कदम सामने आया है, जो राष्ट्र संस्कृति बचाव को लेकर भी एक बड़ी पहल है। बताया जा रहा है कि इससे पहले उत्तराखंड में भी संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया है, लेकिन अब हिमाचल ने भी इस ओर एक सरहानीय पहल की है।  गौर हो कि राजभाषा अधिनियम 1975 का अधिनियम संख्याक एक का संशोधन करने के लिए अधिनियम में इसका संक्षिप्त नाम हिमाचल प्रदेश राजभाषा संशोधन अधिनिम 2019 है। धारा दो का प्रतिस्थापन के तहत हिंदी से देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा अभिप्रेत ह,ै वहीं संस्कृत से देवनागरी लिपि में संस्कृत भाषा अभिप्रेत है।

क्या कहते हैं अधिकारी

संस्कृत अकादमी के पूर्व सचिव मस्तराम शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार को संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा का दर्जा देने का प्रस्ताव दिया गया था। यह संस्कृति के  बचाव को लेकर बड़ा कदम है। अब विभाग में संस्कृत के विशेषज्ञ को भी बैठा कर संस्कृत के पत्राचार कार्यों को एक बेहतर दिशा मिलेगी।