हिमाचल में अपनी कमियों से हारी कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बोले, राष्ट्र स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए नहीं थे संसाधन

 मंडी —पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद का अनुभव है और उन्हें इसी पद पर बने रहना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने साफ दिल से अपना इस्तीफा दिया है, लेकिन कार्यकारिणी ने उसे स्वीकार नहीं किया है। राहुल गांधी के पद पर बनने से पार्टी को अच्छा नेतृत्व मिल रहा है। मंडी में एक निजी कार्यक्रम के लिए पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल में भाजपा की जीत की वजह हमारी अपनी कमियां हैं। कुछ जगह सही प्रत्याशियों का चुनाव और आर्थिक रूप से मदद न मिलना हारने की मुख्य वजह बना। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए संसाधन होने चाहिए, लेकिन इस बार हमारे प्रत्याशियों को आर्थिक मदद नहीं मिली। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास बहुत पुराना है और कांग्रेस को पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि इससे पहले कैसे चुनाव लड़ते थे। हिमाचल में भाजपा की जीत की वजह मुख्यमंत्री का करिश्मा नहीं है, वह एक वजह हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की कमियों की वजह से हमें हार मिली है। वीरभद्र सिंह ने कहा की कांग्रेस के संगठन में फिलहाल सही काम हो रहा है। अगर काम ठीक नहीं करते हैं, तो बदलाव कर देना चाहिए। अनिल शर्मा के राजनितिक भविष्य पर पूछे सवाल पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह उनके घर का मामला है। पोता तो कांग्रेस में आ ही गया है, अगर अनिल को लगेगा कि कांग्रेस में आना चाहिए, तो स्वागत है। वह पहले भी हमारे मंत्री रह चुके हैं।

गलतफहमी में हैं मुख्यमंत्री जयराम

वीरभद्र सिंह ने कहा कि जयराम गलतफहमी में हैं। राजनीति में कभी किसी का दौर खत्म नहीं होता। एक हारता है, दूसरा सत्ता में आता है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हारी हुई पार्टी भी वापस सत्ता में लौटती है। जिस तरह जयराम सरकार केंद्र से लोन ले रही है, उस हिसाब से जल्द ही सरकार का दिवालिया हो जाएगा। अगर आम आदमी की सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली पानी के लिए कर्जा ले रहे हैं, तो तर्कसंगत है, लेकिन जब प्रशासनिक खर्चों के लिए कर्जा सरकार ले रही है, तो सही नहीं है।