गगल से शिमला-चंडीगढ़ को शुरू हुई 11 सीटर हेलिकाप्टर में कुछ ही लोग कर रहे सफर
गगल —कांगड़ा एयरपोर्ट से शिमला और चंडीगढ़ के लिए शुरू की गई हेलि टैक्सी को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। यह सेवा कांगड़ा एयरपोर्ट से 14 मई को शुरू हुई है। अब शुरू के सात दिन का हाल देख लीजिए। इसमें कुल 18 यात्रियों ने अप डाउन किया है। चूंकि यह 11 सीटर है,ऐसे में इतनी अवधि के दौरान डेढ़ सौ के करीब यात्री मिलने चाहिएं थे। खैर हेलि टैक्सी का संचालन कर रही कंपनी पवन हंस इससे इत्तेफाक नहीं रखती। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की उड़ान-2 योजना के तहत गगल हवाई अड्डे से 14 मई से 11 सीटर हेलि टैक्सी सेवा शुरू हुई है, लेकिन जब से यह सेवा शुरू हुई थी लगता यह था कि गगल से शिमला और चंडीगढ़ के लिए भारी संख्या में इसको यात्री मिलने की संभावना है, लेकिन 14 मई को शुरू हुई इस हेलि टैक्सी सेवा में इन 28 मई मंगलवार तक 7 दिनों में एक दिन मौसम खराब होने कर कारण यह चौपर शिमला से गगल नहीं आया और छह दिनों में पहले दिन दो यात्री आए और तीन यात्री गए । इसी तरह किसी दिन शिमला से एक तो किसी दिन दो यात्री इस हेलि टैक्सी में गगल आए और गगल से शिमला भी एक या दो ही यात्री गए। 28 मई को भी शिमला से चार यात्री आए और तीन यात्री गगल से शिमला गए । उधर जब पवन हंस के क्षेत्रीय प्रबंधक शिवम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विमान कंपनियां भी गर्मियों में अपने विमानों में कम लोड उठाती है, इसी कारण गर्मियां होने के कारण पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कम लोड ही उठाया जाता है । उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन होगा, वैसे ही पूरा लोड उठाया जाएगा । उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि यात्री नही मिल रहे हैं । उन्होंने कहा कि हमारी हेलिटैक्सी सेवा को यात्री पसंद कर रहे है और यात्रा का खूब लुत्फ भी उठा रहे हैं।
किराए में रियायत दे कंपनी
बुद्धिजीवियों में अर्जुन गुलेरिया ने कहा कि शिमला का किराया 4000 रुपए है और गगल से चंडीगढ़ का किराया 6880 रुपए है,जो बहुत ज्यादा है । उन्होंने कहा कि किराया कम करना चाहिए। इसके अलावा सुमित ,अतुल राणा, राजीव, अनिल राणा का कहना है कि पवन हंस हेलि टैक्सी के किराए में कुछ और रियायत होनी चाहिए, ताकि इस सेवा को ज्यादा संख्या में यात्री मिलें ।