अवैध कब्जों की जांच तक त्रियूंड में नाइट ट्रैकिंग बंद

धर्मशाला – हाई कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद अब अवैध कब्जों की जांच पूरी होने तक प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग साइट त्रियूंड बंद रहेगी। इस दौरान त्रियूंड में अवैध रूप से चलने वाली दुकानों व ढाबों के साथ-साथ अस्थायी टेंट भी नहीं लग पाएंगे। इतना ही नहीं, देश-विदेश से हज़ारों की संख्या में त्रियूंड जाने के वाले पर्यटकों को नाइट ट्रैकिंग पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब मात्र डे-हाइकिंग के लिए पर्यटक सुबह 11 बजे से पहले-पहले त्रियूंड जा सकेंगे, ताकि देर शाम होने से पहले सुरक्षित वापस भी लौट सकें। विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग साइट त्रियूंड को पर्यटन सीजन के पीक में होने पर बड़ा झटका लगा है।  हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा वन विभाग धर्मशाला को त्रियूंड ट्रैकिंग साइट में अवैध निर्माण को लेकर उचित जांच कर रिपोर्ट सबमिट करवाने के लिए कहा गया है। इस पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर त्रियूंड का दौरा भी किया जा रहा है। इस दौरान कई वैध और अवैध निर्माण को लेकर भी समस्या पैदा हो रही है। इससे हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत भी उचित जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में वन विभाग ने हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत जांच को पूरी होने तक त्रियूंड कैंपिंग साइट को बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, त्रियूंड में कैंपिंग करवाने की परमिशन पर भी पिछले कुछ सप्ताह से पूरी तरह से रोक लगा दी है। वन विभाग के निर्देशों के तहत 13 जून से जांच पूरी न होने तक नाइट स्टे त्रियूंड में नहीं हो सकेगी। इसके लिए एडवेंचर टूअर एंड आपरेटर एसोसिएशन मकलोडगंज से भी बैठक कर सभी प्रकार के टेंट को बंद करवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पर्यटन सीजन के लिहाज से वन विभाग धर्मशाला ने मात्र त्रियूंड को डे-हाइकिंग के लिए ओपन किया है। इसके लिए भी गलूं चैक पोस्ट पर पर्यटकों सहित सभी कारोबारियों और स्थानीय लोगों पर भी नज़र रखी जाएगी। उधर, एडवेंचर टूअर एंड आपरेटर एसोसिएशन मकलोडगंज के अध्यक्ष विकास नैहरिया ने बताया कि वन विभाग के साथ बैठक में इस तरह के निर्देश मिले हैं। इसके तहत नाइट ट्रैकिंग को बंद करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी त्रियूंड की बेहतरी के लिए योजना बनाकर कार्य कर रहे थे, आगे भी उनका सहयोग जारी रहेगा।