अस्पतालों में अभी नहीं लगेंगे कैमरे

बजट की कमी के चलते लटका स्वास्थ्य विभाग का प्रोजेक्ट

शिमला  – प्रदेश के सभी अस्पतालों में कैमरे और बायोमीट्रिक मशीनें लगाने का प्रोजेक्ट लटक गया है। बताया जा रहा है कि बजट को लेकर यह मामला लटक गया है। गौर हो कि अभी चुनिंदा अस्पतालों में ही बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं, वहीं कैमरे की व्यवस्था मात्र मेडिकल कालेजों में ही है। इसके बाद अन्य अस्पतालों में भी ये मशीनें लगाई जानी थीं। कई बार ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं कि अस्पतालों में डाक्टरों से तीमारदारों का झगड़ा हो जाता है और असल तस्वीर किसी को पता ही नहीं लग पाती है। इतना ही नहीं, यह भी देखने में आता है कि कई बार जब अस्पताल में मरीज़ों का काफी रश रहता है और डाक्टर ओपीडी में देरी से पहुंचता है। वहीं, सबसे ज्यादा दिक्कत गांव के अस्पतालों में सामने आ रही है, जहां से विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि अस्पतालों में डाक्टर समय पर नहीं आते हैं। यहां डाक्टर ही नहीं, बल्कि पैरामेडिकल स्टाफ की भी गायब रहने की बातें सामने आती रहती हैं। ऐसे में सभी अस्पतालों पर नज़र रखने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है। इसको देखते हुए विभाग द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि सभी अस्पतालों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जाएं। वहीं, अस्पतालों में कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल किया गया था। बहरहाल, अभी विभाग द्वारा देखा जा रहा है कि कितने अस्पतालों में इस व्यवस्था को जोड़ा जाए। साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी अस्पतालों में मशीनें लगाने का खर्चा कितना रहेगा। इसके लिए एनएचएम से बजट लेने पर भी विचार चल रहा है। इससे पहले प्रदेश के 200 अस्पतालों में कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट बनाया गया था। अब विभाग ने जिला सीएमओ को यह भी निर्देश जारी किए हैं कि वे चैक करें कि अस्पतालों में समय पर स्टाफ पहुंच रहा है या नहीं। इसकी रिपोर्ट जल्द प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।