आतंकवाद विरोधी अभियान में भारत को बड़ी सफलता

बिश्केक (किर्गिस्तान) -भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। शंघाई सहयोग संगठन  (एससीओ) के सभी सदस्य देशों की तरफ से घोषणापत्र जारी किया गया है, जिसमें आतंकवाद को भी मुद्दा बनाया गया है। भारत की तरफ से बार-बार उठाए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद को भी इस घोषणा पत्र में जगह दी गई है। इससे पहले पीएम मोदी ने सम्मिट में अपने बयान में आतंक को मदद पहुंचाने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सभी सदस्य देशों ने आम सहमति से आतंक के खिलाफ बयान दिया है। यह सभी सदस्य देशों की तरफ से जारी घोषणापत्र में शामिल है। यह सभी देशों की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संकेत है। बता दें कि इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन के सम्मिट में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से हाथ तक न मिलाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर बिना नाम लिए जोरदार वार किया था। उन्होंने सदस्य देशों से आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्रों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। साफ है कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले राष्ट्रों की बात कर पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समर्थन, प्रोत्साहन और आर्थिक मदद देने वाले राष्ट्रों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। एससीओ सदस्यों को आतंकवाद के सफाए के लिए एक साथ आकर काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ के सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक होना होगा। आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाने से लेकर हमें इसके खात्मे तक एक होकर काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक युग में बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है। हमने चाबहार पोर्ट के अलावा काबुल और कंधार के बीच एयर फ्रेट कॉरिडोर को स्थापना की है। फिजिकल कनेक्टिविटी के साथ-साथ पीपल टू पीपल कांटैक्ट भी महत्त्वपूर्ण है।

इमरान की किरकिरी

बिश्केक (किर्गिस्तान)। शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के दौरान नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन समेत तमाम नेताओं का परिचय दिया गया। क्रमानुसार इन्होंने समिट हॉल में प्रवेश किया। सभी प्रतिनिधि परंपरा के अनुसार खड़े थे, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बैठे रहे। इमरान की यह हरकत कैमरों में कैद हो गई और कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो गया। अब यूजर्स इमरान के रवैए को अशोभनीय और अहंकारी बता रहे हैं। समिट हॉल में सभी नेताओं ने क्रमानुसार प्रवेश किया। इसके बाद सभी का परिचय दिया गया। परंपरा और प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी नेता और दूसरे प्रतिनिधि खड़े रहे, लेकिन इमरान खान को या तो परंपरा की जानकारी नहीं थी या फिर उन्होंने जानबूझकर इसका पालन नहीं किया। वह सिर्फ दो सेकंड के लिए तब उठे जब उनका नाम पुकारा गया। इसके बाद फिर हाथ फैलाकर बैठ गए।