एंड्रॉयड न खरीद पाना मेरी सबसे बड़ी गलती

नई दिल्ली –माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने माना है कि गूगल को एंड्रॉयड आपरेटिंग सिस्टम डिवेलप करने का मौका देना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। 63 साल के बिल गेट्स का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट की अब भी काफी मजबूत पहचान है। उन्होंने कहा कि अगर वह गूगल की एंड्रॉयड को लेकर की जाने वाली प्लानिंग को वह शुरुआत में पहचान पाते तो इस वक्त माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी होती। गेट्स ने यह सारी बातें अर्ली स्टेज वेंचर कैपिटल फर्म विलेज ग्लोबल के एक इवेंट में कहीं। बिल गेट्स कहते हैं ‘सॉफ्टवेयर की दुनिया में खासतौर से मोबाइल प्लैटफॉर्म में जीतने वाला ही मार्केट पर राज करता है। इसीलिए मेरी सबसे बड़ी गलती है कि उस वक्त मैं चीजों को सही ढंग से संभाल नहीं पाया। यही सबसे बड़ा कारण है कि माइक्रोसॉफ्ट आज उस स्थान पर नहीं पहुंच सका जहां एंड्रॉयड है।’ गेट्स ने यह भी माना ऐपल के अलावा उस वक्त मार्केट में केवल एक और आपरेटिंग सिस्टम का स्कोप था। इस खाली जगह को गूगल ने बिना वक्त गंवाए आसानी से भर दिया जो कि माइक्रोसॉफ्ट भी कर सकता था। रिपोर्ट के अनुसार गेट्स ने कहा कि उस वक्त केवल एक ही नॉन-ऐपल आपरेटिंग सिस्टम की जगह थी और उसकी कीमत थी 400 बिलियन डालर (करीब 27,76,500 करोड़ रुपए)। एंड्रॉयड न खरीदने पर बिल गेट्स को अरबों रुपए का नुकसान हुआ और गूगल ने बाजी मार ली। एक घंटे के इंटरव्यू में गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट की सफलताओं का भी जिक्र किया।