मायावती की दलील
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुलाया गया है। मायावती ने बैठक में शामिल न होने की जानकारी ट्वीट करते हुए लिखा, ‘किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।’
‘….तो जरूर शामिल होती’
मायावती ने आगे लिखा, ‘बैलट पेपर के बजाय ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।’
केजरीवाल भी मीटिंग में नहीं जाएंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह राघव चड्ढा पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। चंद्रबाबू नायडू ने भी बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है। उनकी जगह बैठक में जयदेव गल्ला पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। डीएमके के चीफ स्टालिन भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। इसके अलावा अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बैठक में आने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।