एएसएफ अब राज्य स्तरीय संगठन, जुलाई में अधिवेशन
पालमपुर -प्रदेश कृषि विवि के वैज्ञानिकों द्वारा गठित एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स फोरम अब राज्य स्तरीय संगठन बन गया है। करीब पांच वर्ष पूर्व कृषि विवि के वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाने की सोच के तहत एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स फोरम का गठन किया गया था और अब प्रदेश भर में कृषि से जुड़े संस्थानों के वैज्ञानिकों को एएसएफ ने अपने साथ जोड़ने की मुहिम शुरू कर दी है। गौर रहे कि प्रदेश कृषि विवि में वैज्ञानिकों के लिए हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी टीचर्ज एसोसिएशन हपोटा का गठन काफी समय पूर्व किया गया था। करीब पांच साल पहले हपोटा के कुछ सदस्यों ने एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स फोरम का गठन कर एक समानांतर संगठन खड़ा कर दिया। जानकारी के अनुसार पहले चरण में डा. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी व वानिकी विवि सोलन, वानिकी महाविद्यालय हमीरपुर, केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान कुल्लू में अपना कदम रखा है और इन संस्थानों के 12 वैज्ञानिकों को कार्यकारिणी में शामिल किया है। इस समय कृषि विवि के वैज्ञानिक डा. प्रदीप कुमार एएसएफ के अध्यक्ष हैं। जुलाई-अगस्त में एएसएफ का पहला प्रदेश स्तरीय अधिवेषन आयोजित किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं एसएसफ की नए कार्यकारिणी सदस्यों में हमीरपुर से राज सैणी, डा. स्नेह शर्मा, डा. संतोश कुमारी, डा. बीएस डोगरा और डा. सुनील ठाकुर, कुल्लू से डा. एमआर धीमान और डा. संदीप ढटवालिया, सोलन से डा. राकेश शर्मा, डा. अमित विक्रम और डा. चमन ठाकुर, कांगड़ा से डा. धर्मेंद्र और शिमला से डा. सैलेज सूद शामिल हैं।