कंडक्टर को देना होगा क्लर्क का पद

मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने परिवहन निगम के कंडक्टर को क्लर्क का पद देने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने निगम के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को क्लर्क के पद के सभी सेवा संबंधी लाभ भी दो माह के भीतर जारी करने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल के सदस्य (न्यायिक) डीके शर्मा ने मंडी सर्किट बैंच के दौरान यादविंद्र कुमार की याचिका पर उक्त फैसला सुनाया है। अधिवक्ता एसपी चटर्जी के माध्यम से ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता को हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम में बतौर कंडक्टर तैनात किया था। याचिकाकर्ता ने कम्प्यूटर का डिप्लोमा किया हुआ था। इसके कारण उन्हें कम्प्यूटर विभाग में क्लर्क की ड्यूटी देकर तैनात किया गया। इसके बाद तबादला हो जाने पर भी वह क्लर्क का ही कार्य करते रहे। अधिवक्ता का कहना था कि क्योंकि याचिकाकर्ता कंडक्टर की बजाय क्लर्क का ही कार्य नियुक्ति के दौरान से कर रहा है, इसलिए उसका पद क्लर्क के रूप में बदला जाए। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि प्रदेश उच्च न्यायलय ने जय सिंह बनाम परिवहन निगम मामले में दी गई व्यवस्था में कहा है कि निगम ने विजय कुमार, सत्या देवी सहित 435 कर्मियों के पद बदले हैं, जबकि याचिकाकर्ता का पद इस मामले की व्यवस्था के अनुरूप पद नहीं बदला गया। ट्रिब्यूनल ने निगम द्वारा पद न बदलने संबंधी आदेश को निरस्त किया।