कैसे बचेगा पर्यावरण, चंबा में कूड़ा निष्पादन एमसी के लिए टेढ़ी खीर

यहां-वहां नालियों में फें के जा रहे क चरे से प्रदूषित किया जा रहा वातावरण, कुराह साइट में कब शुरू होगा कूड़ा संयंत्र

चंबा –सिर्फ पांच जून ही नहीं..हम साल में कई दफा पर्यावरण बचाने की कसम खाते हैं। पर कसम खाने ओर अमल में लाने में तो फर्क है न! कोई इनसान अंतः आत्मा से समझौता कर ले तभी मुहिम सफल होगी, ओरो के समझौते से शायद ही यह सिरे चढ़ सके। रावी ओर साल नदियों के बीच बसने वाले हल्के से एतिहासिक शहर चंबा में कचरे को ठिकाने लगाना नगर परिषद के लिए टेडी खीर बन गया है। हर रोज शहर से निकलने वाले दस टन से भी अधिक कचरे को यहां वहां नालियों में फैंक ा जा रहा है। जो पर्यावरण के लिए खतरा है। लोगों के विरोध एवं न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद कुराह स्थित कूड़ा सयंत्र आज दिन तक बंद पड़ा हुआ है। दो वर्षों से इस सयंत्र को दोबरा से चालू कर बैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निष्पाद की बात की जा रही है कई बैज्ञानिक यहां का दौरा कर स्थिति ओर स्थान का जायजा भी ले गए हैं, लेकिन अभी भी वैज्ञानिक तरीके से कचरा निष्पदान एक सपना ही है। एडवांस देशों की तर्ज पर यहां पर भी हाईटेक मशीन स्थापित करने का प्लान है जिसमें कचरे को सेग्रीगेट करना आसान हो जाएगा। पर यह होगा कब अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुराह में कचरा सयंत्र में लगी रोक के बाद शहर का कूड़ा ठिकाने लगाना एमसी एवं संबंधित ठेकेदार के लिए हर रोज की समस्या बन गई है। वह भी यह स्पष्ठ नहीं कर पा रहे हैं कि मौजूदा समय मंे किस स्थान पर शहर के कचरे को डंप किया जा रहा है। जिस पर लोग भी सवाल खड़े कर रहे हैं। शहर के साथ लगती नालियों एवं खुले स्थानों पर फैंके जा रहे कचरे से वातारण पदूषण का खतरा बढ़ने लगा है। इसके साथ ही कई लोग भी कचरे को कचरे को नालियों एंव खुले में फैंक रहे है जो वातावरण एवं व्यक्ति के लिए घातक है। वहीं सोसाटी के लिए भी नेगेटिव मैसेज है।