जयराम सरकार करेगी जनमंच की मॉनीटरिंग

चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा सभी डीसी से लेंगे रिपोर्ट, लंबित मामले 10 दिनों में निपटाने के भी दिए निर्देश 

शिमला —प्रदेश  सरकार राज्य में अब तक हुए जनमंच कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग करेगी। जनमंच कार्यक्रम को पूरे एक साल हो गए हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने जहां-जहां पर भी जनमंच कार्यक्रम हुए, उन क्षेत्रों में कितनी शिकायतें आई और कितनी निपटीं इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सरकार ने मॉनीटरिंग का जिम्मा चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा को सौंपा है। वह  सभी जिलों का दौरा कर संबंधित डीसी से फीडबैक लेंगे। मॉनीटरिंग के दौरान शिकायतों पर नहीं, बल्कि मांगों पर रिपोर्ट तलब की जाएगी। हालांकि जनमंच  का मुख्य मकसद जनता की शिकायतों का निपटारा ऑन दि स्पॉट निपटाना है, लेकिन यहा  लोगों द्वारा अन्य मांगे भी उठ चुकी हैं, जिसे संबंधित विभागों के हवाले की जाती हैं। उस पर कितना काम हुआ, कितना करने की जरूरत है, इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अब तक पूरे प्रदेश में 132 जनमंच कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें 38 हजार शिकायतों का निपटारा किया गया। करीब तीन हजार मांगे ऐसी हैं, जिन पर कार्रवाई संबंधित विभाग में चल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनमंच कार्यक्रम में अधिकांश बिजली, पानी, सड़क से संबंधित मामले सामने आ चुके हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने सभी डीसी को सख्त निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों पर 10 दिन के भीतर कार्रवाई करें। 

खनन माफिया से समझौता नहीं करेगी सरकार

जनमंच कार्यक्रम के दौरान खनन माफिया के खिलाफ भी आवाज उठने लगी है।  रोहड़ू में आयोजित जनमंच के दौरान चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा के समक्ष इसका पर्दाफाश हुआ है। जब नरेंद्र बरागटा ने माइनिंग ऑफिसर से पूछा कि पब्बर नदी में खान हो रहा है या नहीं? ऑफिसर का जवाब था कि दिन को बंद है और रात को शुरू हो जाता है। इस दौरान चीफ व्हिप ने संबंधित माइनिंग अधिकारी को निर्देश दिए कि खनन माफिया से जयराम सरकार कभी भी समझौता नहीं करती है। बरागटा ने  शिमला के डीसी  को इस मसले पर दस दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

अगले महीने से जिला मुख्यालयों पर भी जनमंच

प्रदेश में  अगले महीने से जिला मुख्यालयों पर अलग से जनमंच कार्यक्रम होंगे, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं करेंगे। अभी तक ग्रामीण विकास विभाग की ओर से तिथि तय नहीं हुई है, जानकारी के अनुसार जुलाई के दूसरे सप्ताह में ये कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।